जयपुर. आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जिला प्रशासन की ओर से कैबिनेट मंत्री और हवामहल से विधायक महेश जोशी को शुक्रवार को नोटिस दिया गया है. गढ़ गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए बनाए जा रहे रोप-वे के शिलान्यास समारोह में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी पहुंचे थे और इसलिए हवा महल रिटर्निंग अधिकारी देविका तंवर ने उन्हें यह नोटिस जारी किया है.
हवामहल रिटर्निंग अधिकारी देविका तंवर ने कहा कि कैबिनेट मंत्री महेश जोशी को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना गया है और नोटिस देकर उनसे जवाब मांगा गया है. दरअसल, नाहरगढ़ पहाड़ी पर प्राचीन गढ़ गणेश मंदिर स्थित है और इस पर जाने के लिए गुरुवार को रोप-वे का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था. रोप-वे का शिलान्यास करने के लिए कैबिनेट मंत्री महेश जोशी को आमंत्रित किया गया था और इसके लिए बाकायदा विज्ञापन दिया गया था. आम जनता ने समारोह को लेकर आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को इसकी शिकायत भी की थी. इसके बाद रोप-वे का शिलान्यास रोक दिया गया था और साधु संतों से इसका शिलान्यास करवाया गया. निर्वाचन विभाग की ओर से महंत और रोप-वे बनाने वाली निजी कंपनी के मैनेजर को गुरुवार को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था.
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शिलान्यास कार्यक्रम के संबंध में दें स्पष्टीकरण : इस मामले में महेश जोशी ने कहा था कि यह सरकारी कार्यक्रम नहीं था एक निजी फर्म की ओर से शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया था और लोगों की इच्छा थी कि मैं इसका शिलान्यास करूं. इस मामले में आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए हवामहल रिटर्निग अधिकारी देविका तंवर ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री महेश जोशी को नोटिस जारी किया. नोटिस के जरिए महेश जोशी से प्रकाशित विज्ञापन और शिलान्यास कार्यक्रम के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. नोटिस में कार्यक्रम आयोजक के जवाब का भी उल्लेख किया गया है.
आचार संहिता के बाद कार्यक्रम में उपस्थित हुए : आयोजक के अनुसार शिलान्यास कार्यक्रम में मंत्री महेश जोशी को बुलाया जरूर गया था, लेकिन विज्ञापन उनकी ओर से नहीं दिया गया. नोटिस में कहा गया है कि आचार संहिता लगी होने के बावजूद भी मंत्री शिलान्यास कार्यक्रम में उपस्थित हुए. उन्हें बताया गया कि राज्य में विधानसभा 2023 के चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता और धारा 144 सीआरपीसी के आदेश प्रभावी है. मंत्री पद रहते हुए बतौर अतिथि कार्यक्रम में सम्मिलित होना आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है. बता दें कि प्रदेश में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए 9 अक्टूबर से आचार संहिता लग चुकी है.