चाकसू (जयपुर). राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मंगलवार रात सचिन पायलट समेत 19 असंतुष्ट विधायकों को नोटिस जारी किया था. विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिस में 17 जुलाई दोपहर 1 बजे तक विधानसभा भवन में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था. नोटिस विधायकों के घर के बाहर चस्पा कर दी गई थी. इन विधायकों पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप है. नोटिस में पूछा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और कांग्रेस विधायकों की दो बैठकों में शामिल नहीं होने पर उन्हें क्यों न अयोग्य ठहराया जाए?
विधानसभा सचिवालय में पायलट समर्थक विधायकों में शामिल चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को भी नोटिस जारी किया है. चाकसू तहसीलदार प्रशासन ने कस्बे में विधायक सोलंकी के अस्थाई निवास पर नोटिस चस्पा कर दिया है. निवास स्थान पर किसी के नहीं मिलने पर तहसीलदार मीणा ने पड़ोसी दुकानदार से इस बारे में हस्ताक्षर करवाए और मकान के मुख्य गेट पर नोटिस चस्पा किया.
नोटिस की चर्चाएं क्षेत्र में दिनभर चलती रही. इधर, पायलट को पार्टी से निकाले जाने और समर्थक विधायक सोलंकी को नोटिस जारी होने से क्षेत्रवासियों में चर्चा है कि चाकसू विधानसभा क्षेत्र में जिस गति से विकास कार्य हो रहे थे, उन पर अब विराम लग जाएगा.
यह भी पढे़ं : विधायक रमेश मीणा और मुरारी लाल मीणा ने वीडियो जारी कर CM गहलोत को दिया जवाब
बता दें कि राजस्थान विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि सचिन पायलट और उनके साथ गए 19 विधायकों ने विधायक दल की बैठक में अनुपस्थित रहकर व्हिप का उल्लंघन किया है. इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत समर्थित विधायकों को नोटिस जारी किया है.
स्पीकर सीपी जोशी की ओर से भेजे गए नोटिस में लिखा है कि मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आपकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने की याचिका दी है. इस याचिका को रजिस्टर कर लिया गया है. याचिका पर आप अपनी टिप्पणी तीन दिन के अंदर दें. नोटिस के जवाब के आधार पर 17 जुलाई की दोपहर एक बजे के बाद कार्रवाई की जाएगी.
यह नोटिस उन विधायकों को जारी किया गया है, जो कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. इनमें सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर और राम निवास गावडिय़ा शामिल हैं. इसके अलावा हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शेखावत को नोटिस भेजने की सूचना है.
'टिकट मिलने में पायलट का था हाथ'
जब 2018 में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण हो रहा था, तब वेदप्रकाश सोलंकी को गहलोत से निराशा हाथ लगी थी और माना जा रहा था कि सचिन पायलट के कारण ही सोलंकी को कांग्रेस का टिकट मिला था. तभी से सोलंकी की पायलट से निकटता बढ़ गई थी. इसके बाद से सोलंकी लगातार पायलट के संपर्क में रहे.
करीब एक साल पहले जब सोलंकी बीमार हुए थे, तब जयपुर के एक निजी अस्पताल में भी पायलट उनसे मिलने पहुंचे थे. विधानसभा चुनाव के दौरान भी गहलोत और पायलट ने सोलंकी के पक्ष में चाकसू में सभाएं की थी.
यह भी पढे़ं : LIVE : केन्द्रीय मंत्री शेखावत का ट्वीट, कहा- Auto Pilot V/s Figther Pilot
सूत्रों के अनुसार 2013 में टिकट नहीं मिलने और 2018 में भी गहलोत की ओर से टिकट नहीं दिए जाने से सोलंकी शायद नाराज थे और पायलट की अनुशंसा पर टिकट मिलने से वे पायलट के ऋणी थे. विधानसभा सीट पर चुनाव जीतने में पायलट का खासा योगदान रहा था.
10 साल से गंगाराम मीणा रहे चाकसू ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष
राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस ने सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भंग कर दिया है. बता दें चाकसू ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गंगाराम मीणा 2 वर्ष पूर्व लगातार तीसरी बार ब्लॉक अध्यक्ष बने थे. वे करीब 10 सालों से इसी पद पर बने हुए थे. मीणा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट का माना जाता है.
मीणा के कार्यकाल में चाकसू में लगातार दो बार कांग्रेस का प्रधान, दो बार कांग्रेस का नगर पालिका चेयरमैन, एक बार कृषि मंडी चेयरमैन और वर्तमान में कांग्रेस का विधायक बना था. माना जा रहा है कि वर्तमान में विधायक सोलंकी से उनका तालमेल ठीक नहीं रहा. कई स्थानों पर उनके आपसी विरोध की चर्चाएं भी खुलकर सामने आ चुकी है. अनेक समारोह में विधायक सोलंकी और ब्लॉक अध्यक्ष गंगाराम मीणा साथ नजर नहीं आते थे.