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महंगाई भत्ता रोकने के विरोध में उतरा नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन...कहा- पुनर्विचार करे केंद्र सरकार

भारत सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के इस साल एक जनवरी, एक जुलाई और अगले वर्ष एक जनवरी से बढ़ने वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है. अब इसके विरोध में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन उतर आया है साथ ही केंद्र से पुनर्विचार के लिए भी कहा है.

Railway employee, रेलवे यूनियन
महंगाई भत्ता रोकने के विरोध में उतरा नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन.
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Published : Apr 24, 2020, 12:17 PM IST

जयपुर. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा कि, रेलकर्मी संकट की इस घड़ी में राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं. रेलकर्मी अपने परिवार की परवाह किए बगैर लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में हमारे कर्मचारियों ने एक-एक दिन का वेतन भी दिया है.

महंगाई भत्ता रोकने के विरोध में उतरा नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन.

उन्होंने कहा कि, यूनियन और अनेक रेल कर्मियों ने स्वयं की ओर से जरूरतमंद लोगों तक राशन और भोजन भी उपलब्ध कराया है. स्वेच्छा से लगातार इस कार्य को रेलवे कर्मचारी कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस एक तरफा निर्णय की राशि का अगर हिसाब लगाया जाए तो यह लगभग 40 से 45 दिनों के मूल वेतन, यातायात भत्ता के बराबर आती है. आगे जाकर मकान किराया भत्ता और अन्य भत्ते भी इस कारण 30 जून 2021 तक नहीं बढ़ पाएंगे, जो रेलवे सहित समस्त कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं है.

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मुकेश माथुर ने कहा, केंद्र सरकार से अपील करते अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करे. बता दें कि, कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश भर में डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के लिए रेलवे की ओर से पार्सल स्पेशल रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना वॉरियर्स: नागौर का वो परिवार...जिसके 10 सदस्य लड़ रहे कोरोना से जंग

रेलकर्मी इस संकट की घड़ी में भी अपनी ड्यूटी को बखूबी से निभा रहे हैं. रेलवे द्वारा संचालित की जा रही मालगाड़ीया और पार्सल स्पेशल रेल सेवाएं देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कर रही है. खाद्य, मेडिकल और अन्य आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के लिए पार्सल स्पेशल रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है.

जयपुर. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा कि, रेलकर्मी संकट की इस घड़ी में राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं. रेलकर्मी अपने परिवार की परवाह किए बगैर लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में हमारे कर्मचारियों ने एक-एक दिन का वेतन भी दिया है.

महंगाई भत्ता रोकने के विरोध में उतरा नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन.

उन्होंने कहा कि, यूनियन और अनेक रेल कर्मियों ने स्वयं की ओर से जरूरतमंद लोगों तक राशन और भोजन भी उपलब्ध कराया है. स्वेच्छा से लगातार इस कार्य को रेलवे कर्मचारी कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस एक तरफा निर्णय की राशि का अगर हिसाब लगाया जाए तो यह लगभग 40 से 45 दिनों के मूल वेतन, यातायात भत्ता के बराबर आती है. आगे जाकर मकान किराया भत्ता और अन्य भत्ते भी इस कारण 30 जून 2021 तक नहीं बढ़ पाएंगे, जो रेलवे सहित समस्त कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं है.

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मुकेश माथुर ने कहा, केंद्र सरकार से अपील करते अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करे. बता दें कि, कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश भर में डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के लिए रेलवे की ओर से पार्सल स्पेशल रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है.

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रेलकर्मी इस संकट की घड़ी में भी अपनी ड्यूटी को बखूबी से निभा रहे हैं. रेलवे द्वारा संचालित की जा रही मालगाड़ीया और पार्सल स्पेशल रेल सेवाएं देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कर रही है. खाद्य, मेडिकल और अन्य आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के लिए पार्सल स्पेशल रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है.

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