जयपुर. राज्य सरकार के लिए सफाई कर्मचारियों की भर्ती गले की फांस बनता जा रहा है. पहले वाल्मीकि समाज ने भर्तियों में प्राथमिकता की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था, अब गैर वाल्मीकि समाज ने सक्षम अधिकारी के प्रमाण पत्र की शर्त को हटाने और भिस्ती समाज के पदों को दोबारा क्रियान्वित करने की मांग को लेकर मंगलवार को प्रदर्शन किया. साथ ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास का घेराव भी किया.
आवेदन किया तो निरस्त हो जाएंगे : कर्मचारी नेता राकेश मीणा ने बताया कि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सफाई कर्मचारियों के 13184 पदों पर विज्ञप्ति जारी की गई. ये भर्ती 2012 के नियमों के अनुसार हो रही हैं, लेकिन 2012 के नियमों में कहीं भी सक्षम अधिकारी से अनुभव प्रमाण पत्र और कार्यादेश नियम शामिल नहीं हैं. इस बार जो भर्ती हो रही है, उसमें इसकी बाध्यता रखी गई है. कई वाल्मीकि समाज और अन्य समाजों के प्राइवेट क्षेत्र में काम करने वाले सफाई कर्मचारी अपना अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बनवा पा रहे हैं. यदि उनमें से किसी ने आवेदन कर दिया तो उनके आवेदन निरस्त हो जाएंगे.
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन : ऐसे में उनकी मांग है कि सक्षम अधिकारी की बाध्यता को हटाया जाए, ताकि सभी बेरोजगारों को आवेदन करने का मौका मिले. उन्होंने कहा कि नियमों में प्रैक्टिकल रखा गया है, ऐसे में जो काम करेगा वो सिलेक्ट हो जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार ने भिस्ती समाज के 285 पदों पर भर्ती निकाली थी, 2013 में आवेदन भी लिए गए. इसके बाद 2018 में सफाई कर्मचारियों के अन्य पदों पर तो भर्ती किए गए, लेकिन भिस्ती समाज के 285 पदों पर जॉइनिंग नहीं दी गई. जबकि नियमों में स्पष्ट लिखा गया है कि सफाई कर्मचारियों के 8 पदों पर एक भिस्ती समाज का पद होगा, लेकिन इनकी पोस्ट को खत्म कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने का सुझाव दिया : इन मांगों को लेकर यूडीएच मंत्री से मुलाकात करने के बाद राकेश मीणा ने बताया कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का रुख किया तो उनका इस पर अड़ियल रवैया नजर आया. हालांकि बाद में उन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र की बाध्यता हटाने का आश्वासन जरूर दिया. उन्होंने भिस्ती समाज के लोगों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने का सुझाव दिया है.
वाल्मीकि समाज की चेतावनी : गैर वाल्मीकि समाज की ओर से किए गए इस प्रदर्शन के विरोध में निगम से जुड़े वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध का विरोध दर्ज कराया. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सक्षम अधिकारी के प्रमाण पत्र की शर्त को हटाया गया तो पूरे राजस्थान में सफाई कर्मचारी और वाल्मीकि समाज एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतरेगा.