जयपुर. जेसीटीएसएल चेयरमैन की कुर्सी पर कौन बैठेगा, 2 साल बाद भी ये तय नहीं हो पाया (No permanent chairman of JCTSL from 2 years) है. हालांकि समय-समय पर दोनों ही निगम की मेयर इस कुर्सी पर अपना हक जताती आई हैं. हालांकि सरकार किसी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहती. इसलिए दोनों मेयर में से जेसीटीएसएल का चेयरमैन पद पर किसी एक को नियुक्त करने के बजाए उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अजिताभ शर्मा को एमडी के साथ चेयरमैन बना रखा है.
राजधानी के दो निगमों में से एक में कांग्रेस और दूसरी में बीजेपी का बोर्ड है. दोनों ही बोर्ड की मेयर जेसीटीएसएल चेयरमैन को लेकर अपनी दावेदारी जता रही हैं. दोनों ही मेयर इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी भी कर रही हैं. इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि ग्रेटर निगम का क्षेत्र हेरिटेज से ढाई गुना बड़ा है. ग्रेटर एरिया में बसों का संचालन भी सबसे ज्यादा होता है. इसलिए चेयरमैन भी ग्रेटर नगर निगम से ही बनना चाहिए.
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जबकि हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि लोगों का सबसे ज्यादा आवागमन हेरिटेज एरिया से होता है. पुराना जयपुर पूरे विश्व में जाना जाता है और सबसे ज्यादा ट्यूरिस्ट भी हेरिटेज एरिया में ही आते हैं. इसलिए वो अपनी दावेदारी पेश करेंगे. हालांकि उन्होंने आखिरी फैसला आलाकमान पर छोड़ा. हालांकि राज्य सरकार ने फिलहाल ये जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अजिताभ शर्मा को सौंप रखी है. लेकिन पहले तत्कालीन मेयर निर्मल नाहटा, अशोक लाहोटी और विष्णु लाटा इस पद पर रह चुके हैं.
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अब चूंकि दो निगम हैं और दो महापौर, ऐसे में दोनों में से कोई एक ही चेयरमैन बन सकता है. किसी भी एक का नाम तय करने से विवाद हो सकता है और सरकार फिलहाल इस विवाद से बचना चाहती है. बहरहाल इसका खामियाजा कहीं ना कहीं जेसीटीएसएल को ही भुगतना पड़ रहा है. चाहे कर्मचारियों के स्थायीकरण का प्रकरण हो या नई बसों की खरीद का. राजनेता इन प्रकरणों में फैसला लेने में स्वतंत्र होता है. जबकि अफसरों पर दबाव रहता है, ऐसे में ज्यादा एजेंडे बोर्ड में रखे ही नहीं जाते.
आपको बता दें कि फिलहाल जेसीटीएसएल टोडी, सांगानेर और बगराना डिपो से रोजाना 284 बसों का संचालन कर रही हैं. जिसमें से 124 मिडी बसें हैं. इसमें 150 से अधिक बसों का संचालन ग्रेटर नगर निगम में हो रहा है. जबकि बाकी बसें हेरिटेज निगम में चल रही हैं. वहीं हर दिन 1.80 लाख से 1.90 लाख के करीब यात्रीभार से जेसीटीएसल को 30 लाख की आय होती है. हाल ही में जेसीटीएसएल ने एक मोबाइल एप भी ट्रायल बेस पर लॉन्च किया है. साथी ट्रैवल कार्ड की सुविधा भी शुरू की जा रही है. वहीं जेसीटीएसएल ने 100 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को मंजूरी दी है. 300 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने का प्रपोजल सरकार को भेजा है.