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शुभ मुहूर्त में खूब हो रही शादियां...लेकिन, सूने मैरिज गार्डन और होटल, अब 5 महीने करना होगा इंतजार - शादियों की धूम

जयपुर में इन दिनों शादियों का सीजन है. लेकिन, कोविड-19 के डर की वजह से शादियां बिना तामझाम के हो रही हैं. इस वजह से शादी समारोह से जुडे़ वैवाहिक गार्डन, धर्मशालाएं और होटल सूने पड़े हैं. वहीं, अगले 5 महीने तक देव शयन की वजह से लोगों को विवाह के लिए इंतजार करना पड़ेगा.

Marriage Gardens and Hotels, जयपुर न्यूज़
जयपुर में शादियों का सीजन में वैवाहिक गार्डन और होटल
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Published : Jun 28, 2020, 8:11 PM IST

जयपुर. जिले के रेनवाल कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्रों में शादियां तो खूब हो रही हैं, लेकिन कोविड-19 के डर की वजह से शादियां बिना तामझाम के हो रही हैं. इस वजह से शादी समारोह से जुडे़ वैवाहिक गार्डन, धर्मशालाएं और होटल सूने पड़े हैं. वहीं, हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार एक जुलाई से देव शयन शुरू हो जाएगा. इस वजह से अगले 5 महीने तक लोगों को विवाह के लिए इंतजार करना पड़ेगा. इस तरह लॉकडाउन की वजह से विवाह कार्यक्रम को अब तक टाल रहे लोगों के पास इस सीजन में मुहूर्त का कुछ ही समय शेष है.

गौरतलब है कि इस साल विवाह समारोहों पर कोरोना महामारी की वजह से ऐसा ग्रहण लगा कि मार्च से अब तक उतने जोड़े परिणय-सूत्र में नहीं बंधे, जितने हर साल बंधते थे. वहीं, 1 जुलाई से 25 नवंबर तक देवशयन है. नवंबर में सिर्फ 2 दिन और दिसंबर में 7 ही दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे. इसके बाद गुरु और शुक्र के अस्त होने पर विवाह मुहूर्त अगले साल 22 अप्रैल 2021 से शुरू हो सकेंगे.

पढ़ें: कोरोना संकट के बीच आर्थिक संकट...JCTSL के 800 चालकों और परिचालकों को 3 महीने से नहीं मिला वेतन

ज्योतिषी पंडित वेदप्रकाश के मुताबिक साल 2021 में विवाह मुहूर्त अप्रैल से प्रारंभ होंगे. इसकी वजह ये है कि 15 दिसंबर से शुरू रहा खरमास नए साल में 15 जनवरी 2021 तक रहेगा. इसके बाद गुरु और शुक्र ग्रह अस्त होने पर ही 22 अप्रैल से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे.

सोमवार को है इस सीजन का अंतिम विवाह मुहूर्त

जून में भड़ली नवमी 29 जून को है. इस दिन इस सीजन का अंतिम विवाह मुहूर्त है. इसके बाद 26 और 30 नवंबर को विवाह मुहूर्त है. वहीं, दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9 और 11 तारीख को विवाह मुहूर्त है. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, भूमि पूजन, शिलान्यास और नवीन प्रतिष्ठान के शुभारंभ जैसे कार्य होंगे.

कोराेना संक्रमण का इन पर पड़ रहा असर

कोराेना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर टेंट, हलवाई, घोड़ी-बाजे, फोटोग्राफर और वैवाहिक गार्डन वालों पर पढ़ रहा है. लॉकडाउन में छूट के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए सीमित संख्या में ही लोग शादियों में पहुंच रहे हैं. फिलहाल वैवाहिक गार्डनों में हजारों लोगों के सामूहिक भोज वाली शादियां नहीं हो रहीं है. सोशल डिस्टेंस के साथ हो रही शादियों से वैवाहिक गार्डन, हलवाई, टेंट हाउस, फोटोग्राफर, फर्नीचर, घोड़ी, बैंड और पटाखा शॉप आदि से जुडे़ लोगों के रोजगार पर संकट आ गया हैं.

पढ़ें:ग्रामीणों की कोरोना से जंग : हिरियाखेड़ी ग्राम पंचायत के लोगों ने खुद को कैसे रखा कोरोना से सुरक्षित, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

चिंतित हैंं शादी समारोहों से जुड़े कार्य करने वाले लोग

शादी समारोहों से जुड़े कार्य करने वाले लोगों कहना है कि उन्हें भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वैवाहिक गार्डन मालिक राजेश शर्मा का कहना है कि कोराना संक्रमण के डर से शादियां धूमधाम से नहीं हो रही हैं, ऐसे में वैवाहिक गार्डन की बुकिंग नहीं हो रही है. वहीं, टेंट हाउस के मालिक जुगल कुमावत का कहना है कि इस समय शादियों का सीजन है. लेकिन, कोरोना ने उन्हे भारी नुकसान पहुंचाया है. आगे भी कहीं उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है. फोटोग्राफर गिरधारी सांखला का कहना है कि उनका काम शादियां से ही जुड़ा है. अगर जल्द शादियां शुरू नहीं हुई तो काफी आर्थिक संकट झेलना पड़ेगा. हलवाई कैलाश मीणा का कहना है कि उनके पास 25-30 हलवाई काम करते हैं, शादियां नहीं होने से सबके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

जयपुर. जिले के रेनवाल कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्रों में शादियां तो खूब हो रही हैं, लेकिन कोविड-19 के डर की वजह से शादियां बिना तामझाम के हो रही हैं. इस वजह से शादी समारोह से जुडे़ वैवाहिक गार्डन, धर्मशालाएं और होटल सूने पड़े हैं. वहीं, हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार एक जुलाई से देव शयन शुरू हो जाएगा. इस वजह से अगले 5 महीने तक लोगों को विवाह के लिए इंतजार करना पड़ेगा. इस तरह लॉकडाउन की वजह से विवाह कार्यक्रम को अब तक टाल रहे लोगों के पास इस सीजन में मुहूर्त का कुछ ही समय शेष है.

गौरतलब है कि इस साल विवाह समारोहों पर कोरोना महामारी की वजह से ऐसा ग्रहण लगा कि मार्च से अब तक उतने जोड़े परिणय-सूत्र में नहीं बंधे, जितने हर साल बंधते थे. वहीं, 1 जुलाई से 25 नवंबर तक देवशयन है. नवंबर में सिर्फ 2 दिन और दिसंबर में 7 ही दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे. इसके बाद गुरु और शुक्र के अस्त होने पर विवाह मुहूर्त अगले साल 22 अप्रैल 2021 से शुरू हो सकेंगे.

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ज्योतिषी पंडित वेदप्रकाश के मुताबिक साल 2021 में विवाह मुहूर्त अप्रैल से प्रारंभ होंगे. इसकी वजह ये है कि 15 दिसंबर से शुरू रहा खरमास नए साल में 15 जनवरी 2021 तक रहेगा. इसके बाद गुरु और शुक्र ग्रह अस्त होने पर ही 22 अप्रैल से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे.

सोमवार को है इस सीजन का अंतिम विवाह मुहूर्त

जून में भड़ली नवमी 29 जून को है. इस दिन इस सीजन का अंतिम विवाह मुहूर्त है. इसके बाद 26 और 30 नवंबर को विवाह मुहूर्त है. वहीं, दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9 और 11 तारीख को विवाह मुहूर्त है. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, भूमि पूजन, शिलान्यास और नवीन प्रतिष्ठान के शुभारंभ जैसे कार्य होंगे.

कोराेना संक्रमण का इन पर पड़ रहा असर

कोराेना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर टेंट, हलवाई, घोड़ी-बाजे, फोटोग्राफर और वैवाहिक गार्डन वालों पर पढ़ रहा है. लॉकडाउन में छूट के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए सीमित संख्या में ही लोग शादियों में पहुंच रहे हैं. फिलहाल वैवाहिक गार्डनों में हजारों लोगों के सामूहिक भोज वाली शादियां नहीं हो रहीं है. सोशल डिस्टेंस के साथ हो रही शादियों से वैवाहिक गार्डन, हलवाई, टेंट हाउस, फोटोग्राफर, फर्नीचर, घोड़ी, बैंड और पटाखा शॉप आदि से जुडे़ लोगों के रोजगार पर संकट आ गया हैं.

पढ़ें:ग्रामीणों की कोरोना से जंग : हिरियाखेड़ी ग्राम पंचायत के लोगों ने खुद को कैसे रखा कोरोना से सुरक्षित, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

चिंतित हैंं शादी समारोहों से जुड़े कार्य करने वाले लोग

शादी समारोहों से जुड़े कार्य करने वाले लोगों कहना है कि उन्हें भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वैवाहिक गार्डन मालिक राजेश शर्मा का कहना है कि कोराना संक्रमण के डर से शादियां धूमधाम से नहीं हो रही हैं, ऐसे में वैवाहिक गार्डन की बुकिंग नहीं हो रही है. वहीं, टेंट हाउस के मालिक जुगल कुमावत का कहना है कि इस समय शादियों का सीजन है. लेकिन, कोरोना ने उन्हे भारी नुकसान पहुंचाया है. आगे भी कहीं उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है. फोटोग्राफर गिरधारी सांखला का कहना है कि उनका काम शादियां से ही जुड़ा है. अगर जल्द शादियां शुरू नहीं हुई तो काफी आर्थिक संकट झेलना पड़ेगा. हलवाई कैलाश मीणा का कहना है कि उनके पास 25-30 हलवाई काम करते हैं, शादियां नहीं होने से सबके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

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