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शिक्षा विभाग का आदेश, शिक्षकों को अब घर-घर जाकर लाना होगा बच्चों के मल का नमूना

प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों व शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के शुक्रवार को आए आदेशों का विरोध किया है. वहीं, अब शिक्षकों को एक नया काम सौंपा गया है, जिसके तहत अब उन्हें बच्चों के मल का नमूना लेने में सहयोग करना पड़ेगा.

शिक्षकों को अब घर-घर जाकर ये काम करना होगा
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Published : Jul 14, 2019, 11:11 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 1:19 PM IST

जयपुर. विद्यार्थियों के पेट में कीड़ों की जांच के लिए उनके घर पर अभिभावकों की सहमति से मल का नमूना लिया जाएगा. इसमें शिक्षकों को सहयोग करना होगा. शिक्षा विभाग की ओर से निकाले गए इस आदेश के बाद शिक्षक बिफर गए हैं. उनका कहना है कि शिक्षकों को इस प्रकार के कामों में लगाना गलत है, इसका विरोध करेंगे.

शिक्षकों को अब घर-घर जाकर ये काम करना होगा

दरअसल, राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से विद्यार्थियों के पेट में कृमि जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसमें डिवर्म द वर्ल्ड इनीशिएटिव संस्था को हर स्कूल के 50 विद्यार्थियों के मल का नमूना लेना है. नमूना लेने के लिए संस्था के सदस्य विद्यार्थियों के घर जाएंगे और अभिभावकों की सहमति से नमूना लेंगे. इस काम में शिक्षकों को सहयोग करना होगा.

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्यवक को आदेश जारी कर कहा है कि समस्त राजकीय स्कूलों के संस्था प्रधानों को इस सर्वे कार्य में संस्था के सदस्यों को आवश्यक रूप से सहयोग प्रदान करना होगा. वहीं, शिक्षकों का कहना है कि संस्था प्रधान सहयोग के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाएंगे, जो गलत है.

उनका कहना है कि संबंधित संस्था को अपने स्टाफ पर नमूने लेने की व्यवस्था करनी चाहिए. बता दें कि प्रदेश के 26 जिलों में घर-घर जाकर बच्चों के मल एकत्र करने के प्रोजेक्ट स्वास्थ्य विभाग से डिवर्म द वर्ल्ड इनीशिएटिव संस्था को मिला है. हालांकि ये कार्य 5 जुलाई से शुरू होना था, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण अभी तक शुरू नहीं हो सका है.

जयपुर. विद्यार्थियों के पेट में कीड़ों की जांच के लिए उनके घर पर अभिभावकों की सहमति से मल का नमूना लिया जाएगा. इसमें शिक्षकों को सहयोग करना होगा. शिक्षा विभाग की ओर से निकाले गए इस आदेश के बाद शिक्षक बिफर गए हैं. उनका कहना है कि शिक्षकों को इस प्रकार के कामों में लगाना गलत है, इसका विरोध करेंगे.

शिक्षकों को अब घर-घर जाकर ये काम करना होगा

दरअसल, राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से विद्यार्थियों के पेट में कृमि जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसमें डिवर्म द वर्ल्ड इनीशिएटिव संस्था को हर स्कूल के 50 विद्यार्थियों के मल का नमूना लेना है. नमूना लेने के लिए संस्था के सदस्य विद्यार्थियों के घर जाएंगे और अभिभावकों की सहमति से नमूना लेंगे. इस काम में शिक्षकों को सहयोग करना होगा.

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्यवक को आदेश जारी कर कहा है कि समस्त राजकीय स्कूलों के संस्था प्रधानों को इस सर्वे कार्य में संस्था के सदस्यों को आवश्यक रूप से सहयोग प्रदान करना होगा. वहीं, शिक्षकों का कहना है कि संस्था प्रधान सहयोग के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाएंगे, जो गलत है.

उनका कहना है कि संबंधित संस्था को अपने स्टाफ पर नमूने लेने की व्यवस्था करनी चाहिए. बता दें कि प्रदेश के 26 जिलों में घर-घर जाकर बच्चों के मल एकत्र करने के प्रोजेक्ट स्वास्थ्य विभाग से डिवर्म द वर्ल्ड इनीशिएटिव संस्था को मिला है. हालांकि ये कार्य 5 जुलाई से शुरू होना था, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण अभी तक शुरू नहीं हो सका है.

Intro:जयपुर- प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों व शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के शुक्रवार को आए आदेशों का विरोध किया है। दरअसल, अब शिक्षकों को एक नया काम सौंपा गया है। शिक्षक अब मल का नमूना लेने में सहयोग करना पड़ेगा। विद्यार्थियों के पेट में कीड़ों की जांच के लिए उनके घर पर अभिभावकों की सहमति से मल का नमूना लिया जाएगा, इसमें शिक्षकों को सहयोग करना होगा।


Body:शिक्षा विभाग की ओर से निकाले गए इस आदेश के बाद शिक्षक बिफर गए हैं। उनका कहना है कि शिक्षकों को इस प्रकार के कामों में लगाना गलत है, इसका विरोध करेंगे। दरअसल, राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से विद्यार्थियों के पेट में कृमि जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसमें डिवर्म द वर्ल्ड इनीशिएटिव संस्था को हर स्कूल के 50 विद्यार्थियों के मल का नमूना लेना है। नमूना लेने के लिए संस्था के सदस्य विद्यार्थियों के घर जाएंगे और अभिभावकों की सहमति से नमूना लेंगे। इस काम में शिक्षकों को सहयोग करना होगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्यवक को आदेश जारी कर कहा है कि समस्त राजकीय स्कूलों के संस्था प्रधानों को इस सर्वे कार्य में सर्वकर्ता संस्था के सदस्यों को आवश्यक रूप से सहयोग प्रदान करना होगा। शिक्षकों का कहना है कि संस्था प्रधान सहयोग के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाएंगे, जो गलत है। संस्था को अपने स्टार पर नमूने लेने की व्यवस्था करनी चाहिए।

प्रदेश के 26 जिलों में घर घर जाकर बच्चों के मल एकत्र करने के प्रोजेक्ट स्वास्थ्य विभाग से डिवर्म द वर्ल्ड इनीशिएटिव संस्था को मिला है। हालांकि ये कार्य 5 जुलाई से शुरू होना था, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण अभी तक शुरू नहीं हो सका है।


Conclusion:
Last Updated : Jul 15, 2019, 1:19 PM IST
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