जयपुर. राजस्थानी लोक परिधान में सजधज कर नजर आ रहा ये ग्रामीण परिवेश का व्यक्ति और उसके पास रखी किताब के लाल पन्नों में सिमटी आम जिंदगी हमारे वर्तमान समय और बीते डरावने लम्हों को ताजा कर रही है. लेकिन अफसोस फिर भी हम लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं. कोरोना वैक्सीन के इंतजार में मास्क को भूलते जा रहे हैं. कोरोना के शुरूआती दौर की तस्वीरें जब हमारे जहन में ताजा होती हैं तो एक बार फिर वही डरावना मंजर आंखों के सामने आ जाता है. लेकिन आज भी इसे एक बुरा सपना देखकर आंखें नहीं मूंद सकते. आज भी कोरोना का प्रकोप लगातार जारी है. ऐसे में मास्क ही बचाव है. यही संदेश देती है गुलाबी नगरी के मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति की बनाई अनूठी मूर्ति.
इस मूर्ति के जरिए नवरत्न ने राजस्थान में कोरोना से अब तक हुई नामचीन हस्तियों और कलाकारों की अकाल मौत का जिक्र किया है. महामारी के दौर में ऐसे पल जो हमें झकझोर देते हैं. हमारे अंदर खौफ भर देते हैं. हमें बाहर खुली हवा में सांस लेने से रोकते हैं. लेकिन फिर भी मास्क ही सबसे बड़ा बचाव का काम करता है. यहां कला के जरिए आर्टिस्ट ने 'मास्क ही वैक्सीन है' का संदेश दिया है. इसके अलावा कोरोना ने आम जन जीवन को कैसे बेड़ियों में जकड़कर रखा है और उससे होने वाले नुकसान को भी मूर्ति के जरिए दिखाया है.
सीएम अशोक गहलोत को भेंट करेंगे...
नवरत्न के मुताबिक इस मूर्ति को बनाने में क्लेवर्ड का प्रयोग किया गया है जिसे बनाने में पूरे दो दिन का वक्त लगा है. वहीं फैब्रिक कलर्स के जरिए इसे मूर्तरूप दिया गया है. इस अनूठी कलाकृति को नवरत्न प्रजापति सूबे के मुखिया सीएम अशोक गहलोत को भेंट करेंगे.
लोग कोरोना की भयावहता को समझ सकेंगे...
मूर्तिकार नवरत्न कहते है कि, देश-प्रदेश में जानी मानी हस्तियां भी कोविड-19 की चपेट में आईं और मौत का निवाला बन गईं. कोरोना से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है मास्क लगाना और सरकारी गाइडलाइंस की पालना करना. उन्होंने कहा यह मूर्ति उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए इसका निर्माण किया है. मूर्ति के जरिए जिस तरह से तथ्यों को उकेरा गया है उसे देखकर लोग कोरोना की भयावहता को समझ सकेंगे.
गहलोत सरकार ने लागू किया राजस्थान महामारी अध्यादेश-2020
प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए 2 मई को गहलोत सरकार प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम-1957 के स्थान पर राजस्थान महामारी अध्यादेश- 2020 लेकर आई थी. जिसे विधानसभा सत्र नहीं चलने की स्थिति में राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा राज्यपाल को प्रदर्शन शाक्तियों का उपयोग करते हुए मंजूरी प्रदान की गई.
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अध्यादेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 2 साल की कैद या 10 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान रखा गया. राजस्थान सरकार द्वारा जनता को राहत देने के लिए राजस्थान महामारी अध्यादेश-2020 की धारा 11 में संशोधन किया. उसके बाद राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम-1957 और राजस्थान महामारी अध्यादेश-2020 को मिलाने के बाद राजस्थान महामारी विधेयक-2020 लाया गया. जिसे 24 अगस्त को विधानसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. उसके बाद प्रदेश में कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ राजस्थान महामारी विधेयक के तहत कार्यवाही की जाने लगी और लोगों से जुर्माना वसूला जाने लगा.
करोना वायरस के नए स्ट्रेन क्या बोले अशोक मुख्यमंत्री गहलोत...
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पूर्व में जब कोरोना वायरस फैलने लगा था, तो भारत को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने में देर हो गई थी. इसके कारण मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि भारत को एक तैयार योजना के साथ-साथ प्रभावित देश या देशों से किसी भी तरह के आवागमन को प्रतिबंधित करने के कदमों की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए किसी भी प्रकोप के मामले में चिकित्सा विशेषज्ञों को एक उपचार योजना के साथ तैयार रहना चाहिए.
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बता दें कि सूबे के मुख्यमंत्री गहलोत के गंभीरता दिखाने के साथ ही विभिन्न अथॉरिटीज का प्रशासन अलर्ट हो गया है. ब्रिटेन में नए स्ट्रेन की बात सामने आने के साथ ही डीजीसीए और एयरपोर्ट अर्थोरिटी ने भी मंगलवार रात 12 बजे से दुंबई दिल्ली और ब्रिटेन की कनेक्टिंग फ्लाइट के यात्रियों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है.
कोरोना से जंग अभी जारी है. दुनिया, देश और राजस्थान इस बीमारी से खूब लड़ रही है. वैक्सीन के फाइनल ट्रायल चल रहे हैं. लोग जागरुक हो चुके हैं. सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं एहतियात बरत रही हैं. उम्मीद यही है कि नई साल की भोर उजली हो. लेकिन ईटीवी भारत की ये कोशिश है कि आप सभी मास्क जरूर पहनें. यह मूर्ति भी यही संदेश दे रही है.