जयपुर. सिविल सर्विसेज डे पर जयपुर में हुए कार्यक्रम में अलग ही घटना देखने को मिली. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी कुर्सी पर मुख्य सचिव उषा शर्मा को बिठा दिया, जिसके बाद अब सचिवालय गलियारों में इनके अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं. दरअसल, RIC में ऑडिटोरियम में सिविल सेवा दिवस पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.
इस दौरान उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को संबोधित किया और मौजूदा वक्त में उनकी भूमिका को लेकर चर्चा की, लेकिन इस दौरान मुख्यसचिव को लेकर सीएम गहलोत ने चुटकी ली. सीएम गहलोत ने कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए एक्सीलेंस इनेबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एम. दामोदरन को अपनी बात अंग्रेजी में समझाने के लिए गहलोत ने सीएस उषा शर्मा को अपनी सीट पर बैठने को कहा. गहलोत ने कहा कि मैं अंग्रेजी नहीं जानता, इसलिए सीएस दामोदरन को मेरी बात समझाएंगी.
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ये हुआ घटनाक्रम : दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब कार्यक्रम में ब्यूरोक्रेसी को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने अपनी अंग्रेजी को लेकर कहा कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती है. मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में आए एक्सीलेंस इनेबल प्राइवेट लिमिटेड चेयरमैन एम. दामोदरन ने अपनी बात इंग्लिश में कही, जो मेरे समझ में कम ही आई. मुझे मुख्य सचिव ने समझाया कि दामोदरन ने क्या कहा है और अब जब मैं हिंदी में बोल रहा हूं तो दामोदरन के हिंदी समझ में नहीं आ रही है.
इसलिए मुख्य सचिव उन्हें मेरी बात को अंग्रेजी में समझा रही हैं. इस दौरान सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव की ओर देखा और उनसे कहा कि आप मेरी सीट पर जाकर बैठ जाइए. आप दामोदरन को मेरी बात समझाइए. उस वक्त सीएस के आगे सीएम की कुर्सी थी और उसके बाद दामोदरन की कुर्सी थी. जब सीएस उठीं और बताने के लिए सीएम की कुर्सी तक पहुंची तब सीएम ने अपनी कुर्सी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब आप इसमें ही बैठ जाइए. सकपकाई सीएस ने असहज महसूस किया तो सीएम ने दोहराया कि आप इस सीट पर बैठ जाइए और आखिरकार संबोधन तक सीएस को सीएम की कुर्सी में बैठना पड़ा.
ऑडिटोरियम में छूट गए ठहाके : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब अपनी अंग्रेजी की समझ को लेकर कहा कि मैं 40 प्रतिशत ही अंग्रेजी समझ पाता हूं, लेकिन मैं समझने की कोशिश करता हूं. गहलोत ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. मुझे अंग्रेजी नहीं आती, ये बात मुख्यसचिव को पता है. इसलिए वो मुझे बार-बार हिंदी में समझा रही थीं. इसके बाद ऑडिटोरियम में जमकर ठहाके छूट गए. अब सचिवालय के गलियारों में सीएम गहलोत की इस चुटकी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि, ब्यूरोक्रेसी में इस बात की चर्चा है कि सिविल सेवा दिवस पर इस तरह से नहीं होना चाहिए था, जो हुआ वो ठीक नहीं था.