जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पूर्वी राजस्थान का दौरा कर रहे हैं. मोदी हालांकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के सोहना-दौसा खंड का लोकार्पण करेंगे, लेकिन पूर्वी राजस्थान के लोगों को इंतजार कुछ और है. दरअसल, प्रदेश में लंबे अरसे से ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट यानी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग चली आ रही है. इस योजना को लेकर मोदी के रूख पर भी प्रदेश की नजर रहेगी क्योंकि इस योजना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से वादा किए जाने का दावा कांग्रेस करती आई है. कांग्रेस प्रदेश के 13 जिलों की इस योजना को मुद्दा बनाकर आंदोलन भी कर चुकी है और लगातार केंद्र पर हमला भी बोल रही है.
अजमेर की जनसभा में मोदी ने किया था वादा- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर राजस्थान की राजनीति जैसे ही गर्माई, मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जलदाय विभाग संभालते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा था. उन्होंने ईआरसीपी पर केंद्र सरकार को चुनाव से पहले अजमेर की जनसभा में पीएम मोदी की तरफ से किया गया वादा याद दिलाया था. ऐसे में अब प्रधानमंत्री जब पूर्वी राजस्थान के दौरे पर हैं, तो फिर यह वादा दौसा समेत पूर्वी राजस्थान के लोगों में नहर परियोजना के इंतजार को लेकर हो रही बेसब्री के बीच उम्मीद जगाने लगा है.
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गहलोत सरकार ने चल दिया दांव- ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट के दायरे में राजस्थान के 13 जिले आते हैं. इन 13 जिलों में आधी से ज्यादा आबादी कवर होती है. साल 2018 के चुनाव में जब कांग्रेस राजस्थान की सत्ता पर काबिज हुई, तो इन 13 जिलों में मिली बढ़त निर्णायक साबित हुई थी. ऐसे में राजनीति लाजमी है और अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण के बाद हुई प्रेस वार्ता में इस मसले को लेकर राजनीति का तीर मोदी की ओर दाग दिया.
गहलोत ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम को जिस तरह से राजनीतिक सभा में तब्दील किया गया है, ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि वे प्रधानमंत्री से ईआरसीपी को लेकर किए गए वादे पर बात नहीं कर पाएंगे और वह इस कार्यक्रम से खुद की दूरी बनाकर रखेंगे. गहलोत चाहते हैं कि चंबल के पानी को राजस्थान लाने के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे ताकि इस में आने वाले खर्च हो 10 के मुकाबले 90 फ़ीसदी अनुपात के आधार पर केंद्र सरकार वहन करें.
गौरतलब है कि गहलोत कहते रहे हैं कि देश में पहले भी ऐसी 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है. मुख्यमंत्री गहलोत इस योजना को लेकर विपक्ष से भी सहयोग मांग चुके हैं. गहलोत ने कहा है कि प्रदेश के पक्ष-विपक्ष के सभी जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री के आगामी दौसा दौर पर उनसे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करनी चाहिए. इस प्रोजेक्ट पर केंद्र की ना-नुकर के बाद मुख्यमंत्री गहलोत साफ कह चुके हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार इस परियोजना पर काम जारी रखेगी. ईआरसीपी परियोजना 37000 करोड़ से अधिक की है. इससे राज्य के 13 जिलों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी. राज्य के बजट में भी अशोक गहलोत ने 13000 करोड़ रुपए इसी प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित रखे हैं.
जनता भी उन्हीं जिलों से जहां के लिए योजना- भाजपा ने दौसा जिले के धनावड़ में होने वाली जनसभा में जयपुर, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, भरतपुर, धौलपुर, अलवर जिले की 30 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों से जनसभा में आने के लिए आमजनता को निमंत्रण दिया गया है. इन्हीं सीटों से जनसभा में ज्यादातर संख्या जुटाई जा रही है. ये वो इलाके हैं, जहां के लिए ईस्टर्न कैनाल के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि मंच से मोदी केंद्र के पक्ष को भी जनता के बीच रखेंगे. फिलहाल, इस मसले को लेकर पूर्वी राजस्थान के जिलों में एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. मोदी के आने से पहले सोशल मीडिया पर भी बैनर और पोस्टर #ERCPप्रोजेक्टों की मांग के साथ चलाए जा रहे हैं. लोग अपना अपना पक्ष रख कर पीएम मोदी से नहर परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग कर रहे हैं.