जयपुर. रविवार शाम को यह बैठक जयपुर नगर निगम ग्रेटर आयुक्त और पार्षदों के बीच हुए विवाद के प्रकरण में बुलाई गई थी ताकि इस मसले में सरकार के साथ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए सभी भाजपा के जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेकर रणनीति बनाई जाए. लेकिन बैठक में इन नेताओं के साथ केवल जयपुर शहर सांसद रामचरण बौहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक डॉ. अरुण चतुर्वेदी ही शामिल हुए. जबकि निगम से जुड़े प्रकरण की जानकारी देने के लिए महापौर सौम्या गुर्जर और उपमहापौर पुनीत कर्नावट मौजूद थे. अन्य विधायक और पूर्व विधायकों ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी.
इन विधायकों और पूर्व विधायकों ने बनाई बैठक से दूरी-
भाजपा की इस महत्वपूर्ण बैठक से पार्टी के मौजूदा और पूर्व विधायक को ने दूरी बनाए जिनमें मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ, डॉ. अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी के नाम शामिल हैं. वहीं पूर्व विधायकों में कैलाश वर्मा, सुरेंद्र पारीक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और पूर्व यूडीएच मिनिस्टर राजपाल सिंह शेखावत भी बैठक में शामिल नहीं हुए.
हालांकि अशोक परनामी ने खराब स्वास्थ्य के चलते बैठक में शामिल नहीं हो पाने के लिए पहले ही संगठन को अवगत करा दिया था. वहीं पूर्व महापौर और मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी ने तो अपना मोबाइल बंद कर लिया जिसके चलते उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वहीं विधायक नरपत सिंह राजवी, पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत व कैलाश वर्मा को ईटीवी भारत संवाददाता ने जब फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा से भी संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.
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भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक के दौरान मीडिया कर्मियों को ना तो बैठक के अंदर की कवरेज करने दी गई और ना ही बैठक खत्म होने के बाद भाजपा नेताओं ने बाहर मौजूद मीडिया कर्मियों से बात की. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी बैठक के बाद भाजपा मुख्यालय में मौजूद मीडिया कर्मियों से बात नहीं की. हालांकि बाद में प्रेस विज्ञप्ति के जरिए उन्होंने नगर निगम प्रकरण में अपना बयान जारी किया. संभवता बैठक से भाजपा विधायक और पूर्व विधायकों की दूरी के चलते ही अन्य भाजपा नेताओं ने मीडिया से दूरी बनाए रखी.
आपस में चल रही खींचतान, कुछ पदाधिकारियों की कार्यशैली से नाराजगी की भी चर्चा-
बैठक जयपुर शहर की थी जिसमें अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष और संगठन महामंत्री मौजूद थे. लेकिन जयपुर शहर के ही मौजूदा और पूर्व विधायक इसमें शामिल नहीं हुए जो इस बात का संकेत है कि प्रदेश भाजपा और जयपुर शहर भाजपा में सब कुछ सही नहीं चल रहा. चर्चा इस बबात कि भी है कि बैठक में शामिल नहीं हुए विधायक और पूर्व विधायक भाजपा के प्रदेश और शहर से जुड़े कुछ पदाधिकारियों की कार्यशैली से नाराज है और अपनी इसी नाराजगी को जताने के लिए शायद उन्होंने इस बैठक से दूरी बनाई.