जयुपुर. भारत निर्वाचन आयोग ने सी विजील एप के जरिए मतदाताओं को भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बड़ी ताकत दी है. विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी यह ताकत और मजबूत होने जा रही है. अब तक के प्रदेश भर में सी विजिल एप की शिकायतों के आंकड़े इस बात के गवाह हैं.
भारत निर्वाचन आयोग का सी विजिल एप मतदान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में बेहद अहम भूमिका निभा रहा है. इसके जरिए हर आम नागरिक मतदान की निगरानी प्रक्रिया से जुड़ गया है. गत विधानसभा चुनाव में सी विजील के जरिए शिकायत और उसके डिस्पोजल के में जहां राजस्थान अवल रहा था. वहीं इस लोकसभा चुनाव में हालांकि अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है. इसके बाजवजूद अब तक 251 शिकायतें आ चुकी हैं. विभाग में एक भी शिकायत पेंडिंग नहीं है. प्रदेश में सी विजिल एप से दर्ज अब तक 113 शिकायतें डीसीसी स्तर पर हुई खारिज की गई हैं. वहीं 138 शिकायतों का हुआ निस्तारण किया गया है.
इनमें से 81 शिकायत बिना मंजूरी पोस्टर लगाने की, 19 शिकायतें बैनर गलत जगह लगाने की वोटर कार्ड ना बनने को लेकर भी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. चुनाव आयोग का यह एप अधिक सुविधाजनक है. इसकी सहायता से प्रतिबंधित समय सीमा के दौरान चुनाव प्रचार पोलिंग बूथ के 200 मीटर में कैंपिंग करना, हथियार लेकर जाना धमकाने गिफ्ट कूपन वाटने शराब जन वितरण सहित 16 शिकायतों सी विजील में शिकायतें दर्ज कराई जा सकती है. इसकी सहायता से चुनाव आयोग कुल 16 तरह की शिकायतें दर्ज करता है.
ऐप में पैड न्यूज, क्यूआर कोड बिना पोस्टर लगाना बिना मंजूरी पोस्टर लगाना, संपत्ति विरूपण, धार्मिक या सांप्रदायिक भाषण या मैसेज रैली में भीड़ जुटाने के लिए परिवहन सुविधा वोटिंग के दिन मतदान केंद्र तक परिवहन सुविधा मंजूर समय बाद स्पीकर्स बजाना बिना मंजूरी वाहन यारत निकालना व अन्य शिकायत सहित 16 इस तरह की शिकायतें हैं. इस ऐप के जरिए ट्रांसफर पोस्टिंग की शिकायतों का निस्तारण नहीं किया जाता. ऐसी शिकायतें ईसीआई को नेशनल ग्रीवेंस सर्विस पोर्टल के जरिए निस्तारित की जाती हैं.
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एम एन तिवारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की सूचना दी जा सकेगी. शिकायत मिलने पर 100 मिनट में होगी कार्रवाई ऑडियो वीडियो करनी होगी. सी विजील पर अपलोड 5 मिनट में अपलोडिंग की करनी होगी. फिर से 5 मिनट का समय रहेगा. वीडियो अपलोड करने का अगले 2 मिनट में उड़न दस्ते को बताना होगा. उड़न दस्ता 3 मिनट में देगा. रिपोर्ट आरओ 50 मिनट में लगा एक्शन यह बताएगा क्या फायदा हो सकता है. इससे आमजन इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
एम एन तिवारी ने बताया कि सी विजिल एप के जरिए शिकायतकर्ता के पहचान की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाता है. अभी तक मिली शिकायतों में 2 शिकायतें नेशनल ग्रीवेंस पोर्टल ट्रांसफर की गई है.अभी कम रिस्पांस को देखते हुए निर्वाचन विभाग नवाचार में जुटा है.