ETV Bharat / state

National Lok Adalat in Rajasthan: साल की पहली लोक अदालत में 30 लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से (More than 30 lakh cases have been disposed) राष्ट्रीय लोक अदालत प्रदेशभर में आयोजित की गई.

More than 30 lakh cases have been disposed,  National Lok Adalat in Rajasthan
राष्ट्रीय लोक अदालत.
author img

By

Published : Feb 11, 2023, 8:50 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 11:20 PM IST

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई. हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में आयोजित इस लोक अदालत में राजीनामा के जरिए तीस लाख 58 हजार 491 मुकदमों का अंतिम निस्तारण किया गया. साथ ही 9 अरब 49 करोड़ 25 लाख 31 हजार 391 रुपए के अवार्ड जारी किए गए.

हालांकि प्राधिकरण की ओर से यह खुलासा नहीं किया गया है कि इनमें से कितने मुकदमें प्री-लिटिगेशन और कितने लंबित मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं यह भी जानकारी नहीं दी गई कि लोक अदालतों में कितने प्रकरण रखे गए. प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि लोक अदालत में राजीनामा हो सकने वाले फौजदारी मामले, चेक अनादरण, कर्मचारी विवाद, सेवा संबंधी और राजस्व सहित अन्य प्रकृति के मामलों को रखा गया.

पढ़ेंः राष्ट्रीय लोक अदालत 11 को, राजीनामा से तय होंगे आठ लाख से ज्यादा केस

इस दौरान एक्टिंग सीजे और प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एमएम श्रीवास्तव ने वीसी के जरिए विभिन्न जिलों की लोक अदालतों का अवलोकन किया. एक्टिंग सीजे ने बताया कि लोक अदालत की भावना को देखते हुए लंबित मामलों सहित प्री-लिटिगेशन के मामलों को भी लोक अदालत में रखा गया. जिससे अदालतों में मामला जाने से पहले ही उसका निस्तारण कर दिया जाए. एक्टिंग सीजे ने कहा कि लोक अदालत में किसी भी पक्ष की हार नहीं होती है. उन्होंने कहा कि प्रकरण दोनों पक्षों की सहमति से तय किया जाता है. ऐसे में प्रकरण का अंतिम निस्तारण हो जाता है.

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई. हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में आयोजित इस लोक अदालत में राजीनामा के जरिए तीस लाख 58 हजार 491 मुकदमों का अंतिम निस्तारण किया गया. साथ ही 9 अरब 49 करोड़ 25 लाख 31 हजार 391 रुपए के अवार्ड जारी किए गए.

हालांकि प्राधिकरण की ओर से यह खुलासा नहीं किया गया है कि इनमें से कितने मुकदमें प्री-लिटिगेशन और कितने लंबित मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं यह भी जानकारी नहीं दी गई कि लोक अदालतों में कितने प्रकरण रखे गए. प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि लोक अदालत में राजीनामा हो सकने वाले फौजदारी मामले, चेक अनादरण, कर्मचारी विवाद, सेवा संबंधी और राजस्व सहित अन्य प्रकृति के मामलों को रखा गया.

पढ़ेंः राष्ट्रीय लोक अदालत 11 को, राजीनामा से तय होंगे आठ लाख से ज्यादा केस

इस दौरान एक्टिंग सीजे और प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एमएम श्रीवास्तव ने वीसी के जरिए विभिन्न जिलों की लोक अदालतों का अवलोकन किया. एक्टिंग सीजे ने बताया कि लोक अदालत की भावना को देखते हुए लंबित मामलों सहित प्री-लिटिगेशन के मामलों को भी लोक अदालत में रखा गया. जिससे अदालतों में मामला जाने से पहले ही उसका निस्तारण कर दिया जाए. एक्टिंग सीजे ने कहा कि लोक अदालत में किसी भी पक्ष की हार नहीं होती है. उन्होंने कहा कि प्रकरण दोनों पक्षों की सहमति से तय किया जाता है. ऐसे में प्रकरण का अंतिम निस्तारण हो जाता है.

Last Updated : Feb 11, 2023, 11:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.