जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-6 महानगर द्वितीय ने तत्कालीन जयपुर कलेक्टर और उपखंड अधिकारी वीरेन्द्र सिंह को लेकर पुलिस की ओर से पेश एफआर को चुनौती देने वाली निगरानी अर्जी को खारिज (Additional Sessions Court on IAS Kuldeep Ranka) कर दिया है. अदालत ने यह आदेश महेन्द्र कुमार की निगरानी अर्जी पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पारित आदेश एक न्यायिक आदेश है और इसे आईपीसी की धारा 77 के तहत संरक्षण प्राप्त है. जहां एक न्यायिक आदेश के संबंध में उसे अपराध का स्वरूप देते हुए परिवाद पेश किया गया हो वहां जांच अधिकारी के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह जांच को जारी रखे.
मामले में परिवादी ने अनावश्यक आधारों पर लोक सेवक के खिलाफ परिवाद पेश किया था और जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में विस्तृत कारण बताते हुए कार्रवाई बंद कर दी थी.
गौरतलब है कि परिवादी ने वर्ष 2009 में एसडीएम जयपुर प्रथम के समक्ष आरटीआई में सूचना मांगी थी. वहीं बाद में अपीलीय अधिकारी के फैसले के खिलाफ अदालत में परिवाद पेश किया था जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने प्रकरण में बनीपार्क थाना पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था. वहीं बाद में पुलिस ने एफआर पेश कर दी थी जिसे परिवादी ने निगरानी अर्जी में चुनौती दी थी.
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