जयपुर. मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत और सीबीआई कोर्ट क्रम-3 महानगर प्रथम ने एक ड्रग्स की तस्करी के केस में बड़ा फैसला सुनाया (Court Verdict in Cbi Court) है. कोर्ट ने केटामाइन की तस्करी और कारोबार करने के आरोपी मुकेश भारद्वाज और उसके बेटे राहुल भारद्वाज को 15 साल की कठोर कारावास की सजा दी है. साथ ही अदालत ने दोनों आरोपियों पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
इन मामले में अलग से दर्ज हो परिवाद, कोर्ट का आदेश: अदालत ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि अभियुक्तों से बरामद 70.50 लाख रुपए, फ्रिज किए बैंक खातों और दो कारों समेत अन्य बरामद सामान के संबंध में अलग से परिवाद दर्ज किया जाए. डीआरआई के विशेष लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह नरूका ने बताया कि डीआरआई को गोपनीय सूचना मिली थी कि आरोपी अवैध तरीके से ड्रग्स तस्करी और कारोबार करते हैं. जिस पर डीआरआई की टीम ने 9 अगस्त 2012 को आरोपियों के घर पर छापा मारा और वहां से 106 किलो केटामाइन ड्रग्स और 70.50 लाख रुपए बरामद किए थे.
विदेशों में करते थे ड्रग्स सप्लाई: उन्होंने बताया कि डीआरआई ने जांच में पाया कि आरोपी विदेशों और रेव पार्टियों में अवैध तरीके से ड्रग्स सप्लाई थे. इनके अलग-अलग नामों के फर्जी बैंक खातों में विदेशों से रुपए आते थे. डीआरआई ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था. कोर्ट में डीआरआई ने 1426 दस्तावेज पेश किए और 42 गवाहों के बयान दर्ज कराए.
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गैर कानूनी तरीके से ड्रग्स का कारोबार: डीआरआई ने दलील दी कि दोनों आरोपी बिना लाइसेंस के गैर कानूनी तरीके से ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं. उनके कब्जे से भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया है. ड्रग्स तस्करी और गैर कानूनी तरीके से कारोबार करना गंभीर अपराध है और इससे युवाओं का स्वास्थ्य प्रभावित होता है.