जयपुर. गहलोत सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरने की रणनीति बनाने में प्रदेश भाजपा जुट गई है. फरवरी माह से भाजपा गहलोत सरकार के खिलाफ अब और आक्रमक रुख अख्तियार करेगी. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि गहलोत सरकार को हर मोर्चे पर घेरने और विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी की प्रदेश स्तरीय बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. पहले दिन जहां पीएम मोदी की 28 जनवरी की प्रस्तावित सभा की तैयारियों पर चर्चा की गई. इसके अलावा जिला स्तर पर जन आक्रोश सभा करने पर भी चर्चा हुई. ये अभियान 15 फरवरी से 15 मार्च तक चलेगा.
नड्डा ने देंगे जीत का मंत्र - सोमवार को जवाहर सर्किल स्थित एंटरटेनमेंट पैराडाइज में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक करेंगे. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी नेताओं को विधानसभा चुनाव में जीत का मंत्र देंगे. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद जेपी नड्डा का यह पहला राजस्थान दौरा है. बैठक में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी विजय राहटकर का पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य सदस्य भी शामिल होंगे.
जन आक्रोश सभाएं फिर होंगी - प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में फिर से जन आक्रोश सभाएं करने की रणनीति पर मंथन होगा. ये सभाएं 15 फरवरी से 15 मार्च तक जिला स्तर पर होंगी. हर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता एकजुट होंगे. राज्य सरकार की नीतियों और कांग्रेस के खिलाफ सभाएं आयोजित होंगी. तमाम पदाधिकारियों के साथ 11 फरवरी को समर्पण निधि अभियान को लेकर रणनीति पर भी चर्चा की उम्मीद है. उसके साथ नव मतदाता अभियान को सफल बनाने और स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजन पर विचार किया जा सकता है.
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गुटबाजी दूर करने का मंथन- प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक और कोर कमेटी की बैठक को लेकर भले ही पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक एजेंडा जारी नहीं किया गया हो, लेकिन बीजेपी का पूरा फोकस कमजोर बूथों को मजबूत करने और गुटबाजी को दूर करने पर रहेगा. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की अदावत की शिकायतें राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंची हैं. पार्टी लंबे समय से आंतरिक गुटबाजी से परेशान है. ऐसे में नड्डा इस बैठक के जरिए संदेश और संकेत पहुंचाने की कोशिश भी करते दिखेंगे, ताकि मिशन 2023 भाजपा के लिए दूर की कौड़ी न साबित हो.