ETV Bharat / state

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान पर रार, जलदाय मंत्री ने उठाए सवाल - RAJASTHAN

वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्षा जल के संग्रहण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का आगाज किया गया था. जिसके तीन चरण कंप्लीट भी कर ले गए, लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदल चुकी है लिहाजा मौजूदा गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला सवाल उठाते हुए अब इस अभियान की समीक्षा की बात कही है.

सीएम जल स्वावलंबन अभियान पर रार
author img

By

Published : Jun 3, 2019, 9:18 PM IST

जयपुर. पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई जल स्वावलंबन अभियान को मौजूदा कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. जिस पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. जलदाय मंत्री ने जहां इस अभियान के औचित्य पर सवाल उठा दिए तो वहीं भाजपा ने अभियान पर लगे ब्रेक को मौजूदा गहलोत सरकार की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक करार दिया है.

सीएम जल स्वावलंबन अभियान पर रार

बता दें, वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्षा जल के संग्रहण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का आगाज किया गया था. जिसके तीन चरण कंप्लीट भी कर ले गए, लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदल चुकी है लिहाजा मौजूदा गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला अब इस अभियान की समीक्षा की बात कहते हैं. उनका साफ तौर पर कहा कि पिछली सरकार ने केवल इसके प्रचार पर जोर दिया.

अभियान पर लगा ब्रेक तो भाजपा ने बताया सरकार की संकीर्ण मानसिकता
वहीं, पिछली भाजपा सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान पर ब्रेक लगाने से भाजपा नेता नाराज हैं. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दल के मौजूदा उप नेता राजेंद्र राठौड़ का नाराज होना लाजमी भी है क्योंकि उनका तर्क है कि जिस अभियान को साउथ अफ्रीका ने मॉडल मानकर अपने देश में अपनाया और सार्क देशों ने उसकी तारीफ भी की और ऐसे अभियान को यदि कांग्रेस सरकार ब्रेक लगाती है तो यह सरकार की संकीर्ण मानसिकता को ही दर्शाता है.

जन सहभागिता से अभियान चलाने में भाजपा को क्यों है परहेज
बहरहाल, पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाए गए इस अभियान को लेकर भाजपा नेताओं का दावा रहा की अभियान के कारण राजस्थान में ऐसे कई ब्लॉक रहे जहां भूमिगत जल के स्तर में वृद्धि हुई, तो वहीं कुछ इलाके पेयजल किल्लत की दृष्टि से बनाए गए डार्क जोन से बाहर भी निकले. हालांकि, पिछली सरकार के दौरान अभियान को जन सहभागिता के जरिए चलाया जाता था, ताकि अभियान में सबका साथ मिल सके. अब क्योंकि भाजपा सरकार में नहीं है, लेकिन कार्यकर्ताओं की दृष्टि से भाजपा के पास लाखों की संख्या में कार्यकर्ता हैं. ऐसे में भाजपा जन सहभागिता के साथ वह इस अभियान को अब भी प्रदेश में जारी रख सकती है. लेकिन मौजूदा सरकार पर आरोप लगाने वाले भाजपा के नेताओं का ध्यान इस ओर अब तक नहीं गया या फिर कह सकते हैं कि भाजपा केवल अभियान के नाम पर सियासत करना चाहती है, जबकि अभियान को गति मिले, इसमें अधिकतर भाजपा नेताओं को कोई रुचि नहीं है.

जयपुर. पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई जल स्वावलंबन अभियान को मौजूदा कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. जिस पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. जलदाय मंत्री ने जहां इस अभियान के औचित्य पर सवाल उठा दिए तो वहीं भाजपा ने अभियान पर लगे ब्रेक को मौजूदा गहलोत सरकार की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक करार दिया है.

सीएम जल स्वावलंबन अभियान पर रार

बता दें, वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्षा जल के संग्रहण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का आगाज किया गया था. जिसके तीन चरण कंप्लीट भी कर ले गए, लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदल चुकी है लिहाजा मौजूदा गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला अब इस अभियान की समीक्षा की बात कहते हैं. उनका साफ तौर पर कहा कि पिछली सरकार ने केवल इसके प्रचार पर जोर दिया.

अभियान पर लगा ब्रेक तो भाजपा ने बताया सरकार की संकीर्ण मानसिकता
वहीं, पिछली भाजपा सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान पर ब्रेक लगाने से भाजपा नेता नाराज हैं. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दल के मौजूदा उप नेता राजेंद्र राठौड़ का नाराज होना लाजमी भी है क्योंकि उनका तर्क है कि जिस अभियान को साउथ अफ्रीका ने मॉडल मानकर अपने देश में अपनाया और सार्क देशों ने उसकी तारीफ भी की और ऐसे अभियान को यदि कांग्रेस सरकार ब्रेक लगाती है तो यह सरकार की संकीर्ण मानसिकता को ही दर्शाता है.

जन सहभागिता से अभियान चलाने में भाजपा को क्यों है परहेज
बहरहाल, पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाए गए इस अभियान को लेकर भाजपा नेताओं का दावा रहा की अभियान के कारण राजस्थान में ऐसे कई ब्लॉक रहे जहां भूमिगत जल के स्तर में वृद्धि हुई, तो वहीं कुछ इलाके पेयजल किल्लत की दृष्टि से बनाए गए डार्क जोन से बाहर भी निकले. हालांकि, पिछली सरकार के दौरान अभियान को जन सहभागिता के जरिए चलाया जाता था, ताकि अभियान में सबका साथ मिल सके. अब क्योंकि भाजपा सरकार में नहीं है, लेकिन कार्यकर्ताओं की दृष्टि से भाजपा के पास लाखों की संख्या में कार्यकर्ता हैं. ऐसे में भाजपा जन सहभागिता के साथ वह इस अभियान को अब भी प्रदेश में जारी रख सकती है. लेकिन मौजूदा सरकार पर आरोप लगाने वाले भाजपा के नेताओं का ध्यान इस ओर अब तक नहीं गया या फिर कह सकते हैं कि भाजपा केवल अभियान के नाम पर सियासत करना चाहती है, जबकि अभियान को गति मिले, इसमें अधिकतर भाजपा नेताओं को कोई रुचि नहीं है.

Intro:वसुंधरा सरकार में शुरू हुए जल स्वावलंबन अभियान पर रार

गहलोत सरकार ने अभियान को किया दरकिनार,भाजपा ने सरकार पर लगाया संकीर्ण मानसिकता का आरोप

जलदाय मंत्री बोले अभियान की करेंगे समीक्षा,क्योंकि पिछली सरकार ने केवल अभियान के प्रचार पर ही दिया ध्यान

जयपुर (इंट्रो एंकर)
पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई जल स्वावलंबन अभियान को मौजूदा कांग्रेस सरकार में ठंडे बस्ते में डाल दिया है जिस पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। जलदाय मंत्री ने जहां इस अभियान के औचित्य पर सवाल उठा दिए तो वही भाजपा ने अभियान पर लगे ब्रेक को मौजूदा गहलोत सरकार की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक करार दिया है। दर्शन वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्षा जल के संग्रहण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का आगाज किया गया था जिसके तीन चरण कंप्लीट भी कर ले गए लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदल चुकी है लिहाजा मौजूदा गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला अब इस अभियान की समीक्षा की बात कहते हैं कल आने अभियान क्यों चित्र पर भी सवाल उठाया और साफ तौर पर कहा कि पिछली सरकार ने केवल इसके प्रचार पर जोड़ दिया या ध्यान सही बता तो धरातल पर आज यह स्थिति नजर नहीं आती।

बाईट-डॉ बीड़ी कल्ला,जलदाय मंत्री

अभियान पर लगा ब्रेक तो भाजपा ने बताया सरकार की संकीर्ण मानसिकता-

वही पिछली भाजपा सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान पर ब्रेक लगाने से भाजपा नेता नाराज है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दल के मौजूदा उप नेता राजेंद्र राठौड़ का नाराज होना लाजमी भी है क्योंकि उनका तर्क है कि जिस अभियान को साउथ अफ्रीका ने मॉडल मानकर अपने देश में अपनाया और सार्क देशों ने उसकी तारीफ भी की और ऐसे अभियान को यदि कांग्रेस सरकार ब्रेक लगाती है तो यह सरकार की संकीर्ण मानसिकता को ही दर्शाता है।

बाईट-राजेन्द्र राठौड़,पूर्व मंत्री,वसुंधरा सरकार

जन सहभागिता से अभियान चलाने में भाजपा को क्यों है परहेज-

बहरहाल पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाए गए इस अभियान को लेकर भाजपा नेताओं का दावा रहा की अभियान के कारण राजस्थान में ऐसे कई ब्लॉक रहे जहां भूमिगत जल के स्तर में वृद्धि हुई तो वहीं कुछ इलाके पेयजल किल्लत की दृष्टि से बनाए गए डार्क जोन से बाहर भी निकले। हालांकि पिछली सरकार के दौरान अभियान को जन सहभागिता के जरिए चलाया जाता था ताकि अभियान में सबका साथ मिल सके। अब क्योंकि भाजपा सरकार में नहीं है लेकिन कार्यकर्ताओं की दृष्टि से भाजपा के पास लाखों की संख्या में कार्यकर्ता है। ऐसे में भाजपा जन सहभागिता के साथ वह इस अभियान को अब भी प्रदेश में जारी रख सकती है लेकिन मौजूदा सरकार पर आरोप लगाने वाले भाजपा के नेताओं का ध्यान इस ओर अब तक नहीं गया या फिर कह सकते हैं कि भाजपा केवल अभियान के नाम पर सियासत करना चाहती है जबकि अभियान को गति मिले इसमें अधिकतर भाजपा नेताओं को कोई रुचि नहीं है।

(Edited vo pkg-Jal Abhiyan per Raar)




Body:(Edited vo pkg-Jal Abhiyan per Raar)


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.