जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को कई अहम विषयों पर सवाल किए गए, जिसका संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिया. इस दौरान सबसे अहम सवाल प्रदेश में शेष बची दो लाख ढाणियों तक बिजली पहुंचने को लेकर था. इस पर मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि केंद्र सरकार को उन्होंने इसके बारे में लिखा है, लेकिन फिलहाल तक कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश के अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम के जरिए दो लाख ढाणियों का इसी साल विद्युतीकरण किया जाएगा.
वहीं, राजस्थान में स्क्रैप पॉलिसी से जुड़े सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया कि 1952 से 1980 के बीच दो लाख 75 हजार 294 और 1980 से 2005 के बीच 39 लाख 85 हजार 435 वाहनों के रजिस्ट्रेशन किए गए थे. परिवहन राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला ने कहा कि एनजीटी के आदेश के अनुसार राजस्थान के अलवर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा में 15 साल पुराने डीजल व्यावसायिक वाहनों को प्रतिबंधित करने का काम किया जा रहा है. साथ ही मंत्री ने कहा कि राजस्थान में अभी वाहनों को स्क्रैप करने की कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में इन वाहन मालिकों से यह लिखवाया जा रहा है कि वह इन जिलों में इन वाहनों को नहीं चलाएंगे.
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मंत्री ओला ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सर्टिफिकेट ऑफ डिपाजिट के बदले नया वाहन पंजीकृत करवाने पर गैर परिवहन वाहनों को एक बार कर में 25% और परिवहन यान में 15% की कर छूट दी जाती है. बावजूद इसके अभी राजस्थान में एक भी वाहन इसलिए स्क्रैप नहीं हुआ है, क्योंकि यहां पर स्क्रैप करने का काम ही नहीं होता है. वहीं, विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने राज्य में अनुसूचित जाति व जनजाति विकास कोष को आवंटित राशि को लेकर सवाल किया. उन्होंने कहा कि साल 21-22 में 29 करोड़ और 22-23 में 230 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई.
इसमें से सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग से प्राप्त सूचना के मुताबिक अनुसूचित जाति विकास कोष से साल 2021-22 में 9 करोड़ 67 लाख और 2022-23 में 13 लाख रुपए ही खर्च किए गए. इस पर विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कम पैसा खर्च होने की बात उठाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में मौजूद छात्रावास के लिए राशि क्यों नहीं उपलब्ध करवाई. इस पर मंत्री ने विधायिका को आश्वस्त किया कि ये पैसा जल्द ही लंबित कार्यों के विकास के लिए मुहैया कराए जाएंगे.