जयपुर: प्रदेश में बिजली के बिलों में फ्यूल सरचार्ज और फिक्स्ड चार्जेस के नाम पर की जा रही बढ़ोतरी पर सियासत जारी है. भाजपा इस मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है तो ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला विपक्ष के इस आरोप को महज सियासी आरोप करार दे रहे हैं. ऊर्जा मंत्री अपनी पीठ भी थपथपाते हैं ये कहकर कि हमने किसानों की बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया जिस पर आज भी हम अमल कर रहे हैं.
जयपुर में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं से किस दर पर लेनी या उसे देनी है ये विद्युत विनियामक आयोग तय करता है. उससे पहले वह आम उपभोक्ताओं से लेकर हर वर्ग की राय भी लेता है, जिसके बाद आयोग अपना निर्णय देता है.
भ्रम बना रही भाजपा: ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने भाजपा को उनके पुराने दिन याद दिलाए. उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में सब कुछ पता है ये भी बताया. कहा- भाजपा के नेता भी सत्ता में रहे हैं. उन्हें भी यह प्रोसेस मालूम है लेकिन वह केवल लोगों में भ्रम फैलाने के लिए इस प्रकार के आरोप लगाते हैं. अपने वायदे के अनुसार कांग्रेस सरकार ने किसानों को दी जाने वाली बिजली की दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था. सरकार आज भी उस पर कायम है.
किसानों को दिया Direct लाभ: ऊर्जा मंत्री ने बताया कि हमने कृषि विद्युत में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की. हाल ही में हर कृषि कनेक्शन को प्रतिमाह 1000 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट भी दिया जा रहा है. जिससे 1450 करोड़ का वित्तीय भार प्रदेश सरकार पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कृषि कनेक्शनों पर सरकार 16000 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी वहन कर रही है.
रिपोर्ट से पहले मुद्दा बना रही भाजपा: विद्युत विनियामक आयोग में लगाई गई टैरिफ पिटिशन पर भी कल्ला बोले. उन्होंने कहा- फिक्स चार्जेस को लेकर अभी इस प्रकार का कोई भी निर्णय विनियामक आयोग ने नहीं लिया है. लेकिन उससे पहले ही बीजेपी इसे सियासी मुद्दा बना रही है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अभी आयोग की कोई रिपोर्ट आई नहीं है. जब आएगी तब इस मामले में फैसला होगा.
DISCOM का आदेश: पिछले दिनों डिस्कॉम ने एक आदेश जारी कर हर बिजली उपभोक्ताओं को करीब 16 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार फ्यूल सरचार्ज के नाम पर जोड़ दिया. इसके जरिए बिजली कंपनियां उपभोक्ता से अतिरिक्त वसूली करेगा. प्रदेश में मौजूदा सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरचार्ज के रूप में उपभोक्ताओं पर औसतन 42 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार डाला जा चुका है. यही कारण है कि इस मसले पर भाजपा से जुड़े प्रदेश के नेता गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं. पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता और प्रदेश के प्रवक्ता ने भी इस मसले पर बयान जारी कर प्रदेश सरकार को घेरा था, जिस पर ऊर्जा मंत्री ने सरकार की सफाई दी है.