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जहां किराये पर रहता वहीं का बनवा लेता था पहचान पत्र, आवास के बहाने 25 लाख रुपये ठगने वाला शख्स गिरफ्तार - चंदवाजी के लोगों के साथ ठगी

जयपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने फर्जी कंपनी बनाकर ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी करने वाले सत्येंद्र शाह को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने चंदवाजी गांव के लोगों को झांसा देकर 25 लाख रुपये की की ठगी की थी

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जयपुर में घर दिलाने के नाम पर ठगी
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Published : Oct 23, 2021, 4:53 PM IST

जयपुर. फर्जी कंपनी बनाकर ग्रामीणों को झांसा देकर ठगी के मामले में जयपुर की चंदवाजी थाना पुलिस को सफलता मिली है. पुलिस ने लोगों से 25 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में फरार आरोपी सत्येंद्र शाह को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने दिल्ली रोड पर अचरोल में एक फर्जी कंपनी बनाकर ग्रामीणों को झांसा दिया और 25 लाख रुपये की ठगी की थी.




बताया जा रहा है कि आरोपी ऋषिकेश में बैंक खाता खुलवाकर ठगी की राशि को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर रहा था. जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा के निर्देशन में चंदवाजी थाना अधिकारी जितेंद्र गंगवानी के नेतृत्व में कार्रवाई की और 3 महीने से फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के मुताबिक पीड़ित गिरधारी लाल ने 29 जुलाई को चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, कि सत्येंद्र शाह ने खुद को विंग्स टू लाइफ कंपनी का निदेशक बताकर आवासीय योजना में सब्सिडी दिलाने और गांव में पानी के टैंकर की व्यवस्था करवाने के साथ-साथ ई-रिक्शा दिलवाने का झांसा दिया और लोगों को फंसा लिया. आरोप है कि सत्येंद्र शाह ने रजिस्ट्रेशन के नाम से अचरोल के आसपास गरीब ग्रामीणों से कंपनी के खाते में करीब 25 लाख रुपए जमा करवा लिए और फिर फरार हो गया.

पढ़ें- जोधपुर: पुलिस ने पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर बेचने वाला गिरोह पकड़ा, लेकिन...

पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मुखबीर और साइबर तकनीकि की सहायता से फरार आरोपी सत्येंद्र शाह को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि पुलिस की टीम 3 दिन से आरोपी के घर के बाहर निगरानी कर रही थी. जैसे ही आरोपी सुबह घर से बाहर आया तो पुलिस ने दबोच लिया.

बता दें कि आरोपी सत्येंद्र शाह ऋषिकेश में किराए पर मकान लेकर परिवार के साथ रह रहा था. सत्येंद्र शाह ने अपने बेटे के नाम से तपोवन ऋषिकेश का पहचान पत्र बनवाया. और खाता खुलवाकर ठगी की राशि शेयर मार्केट में निवेश कर रहा था. आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि वह अलग-अलग जगह पर किराए के मकान रहता था और पहचान पत्र बनवा कर ठगी करता था. विंग्स टू लाइफ नाम की कंपनी का धरातल पर कोई अस्तित्व नहीं है.


फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान और भी कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ सकते हैं. वही जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने पुलिस की टीम को इस सफलता के लिए सराहना करते हुए पुरस्कार देने की घोषणा की है.

जयपुर. फर्जी कंपनी बनाकर ग्रामीणों को झांसा देकर ठगी के मामले में जयपुर की चंदवाजी थाना पुलिस को सफलता मिली है. पुलिस ने लोगों से 25 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में फरार आरोपी सत्येंद्र शाह को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने दिल्ली रोड पर अचरोल में एक फर्जी कंपनी बनाकर ग्रामीणों को झांसा दिया और 25 लाख रुपये की ठगी की थी.




बताया जा रहा है कि आरोपी ऋषिकेश में बैंक खाता खुलवाकर ठगी की राशि को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर रहा था. जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा के निर्देशन में चंदवाजी थाना अधिकारी जितेंद्र गंगवानी के नेतृत्व में कार्रवाई की और 3 महीने से फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के मुताबिक पीड़ित गिरधारी लाल ने 29 जुलाई को चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, कि सत्येंद्र शाह ने खुद को विंग्स टू लाइफ कंपनी का निदेशक बताकर आवासीय योजना में सब्सिडी दिलाने और गांव में पानी के टैंकर की व्यवस्था करवाने के साथ-साथ ई-रिक्शा दिलवाने का झांसा दिया और लोगों को फंसा लिया. आरोप है कि सत्येंद्र शाह ने रजिस्ट्रेशन के नाम से अचरोल के आसपास गरीब ग्रामीणों से कंपनी के खाते में करीब 25 लाख रुपए जमा करवा लिए और फिर फरार हो गया.

पढ़ें- जोधपुर: पुलिस ने पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर बेचने वाला गिरोह पकड़ा, लेकिन...

पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मुखबीर और साइबर तकनीकि की सहायता से फरार आरोपी सत्येंद्र शाह को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि पुलिस की टीम 3 दिन से आरोपी के घर के बाहर निगरानी कर रही थी. जैसे ही आरोपी सुबह घर से बाहर आया तो पुलिस ने दबोच लिया.

बता दें कि आरोपी सत्येंद्र शाह ऋषिकेश में किराए पर मकान लेकर परिवार के साथ रह रहा था. सत्येंद्र शाह ने अपने बेटे के नाम से तपोवन ऋषिकेश का पहचान पत्र बनवाया. और खाता खुलवाकर ठगी की राशि शेयर मार्केट में निवेश कर रहा था. आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि वह अलग-अलग जगह पर किराए के मकान रहता था और पहचान पत्र बनवा कर ठगी करता था. विंग्स टू लाइफ नाम की कंपनी का धरातल पर कोई अस्तित्व नहीं है.


फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान और भी कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ सकते हैं. वही जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने पुलिस की टीम को इस सफलता के लिए सराहना करते हुए पुरस्कार देने की घोषणा की है.

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