जयपुर. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर किया गया तंज चर्चा में है. पायलट ने कारण बताओ नोटिस पाने वाले तीनों नेताओं महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल पर कार्रवाई की मांग की है. इस बयान के बाद से राजस्थान में पिछले करीब सवा महीने से चल रही राजनीतिक शांति आज फिर से अशांति में तब्दील हो गई है. पायलट के इस बयान का मुख्य सचेतक महेश जोशी ने (Mahesh Joshi counter attack on Sachin Pilot) करारा जवाब दिया है.
महेश जोशी ने पायलट (Mahesh Joshi target pilot) का नाम लिए बगैर उन पर तीखा हमला किया. जोशी ने कहा कि 'बुत हमको कहे काफिर, यह अल्लाह की मर्जी'. महेश जोशी ने इन शब्दों के जरिए यह बताने की कोशिश की है कि इस्लाम में बुत (मूर्ति) को काफिर माना गया है, लेकिन अगर अल्लाह की मर्जी हो तो यह हो सकता है. महेश जोशी के कहने का मतलब था की पायलट जो खुद पहले बगावत कर चुके हैं आज वह हमें बागी बता रहे हैं.
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मुख्यमंत्री को लेकर पायलट के बयान पर महेश जोशी ने कहा कि जो लोग यह नहीं जानते की माफी की परंपरा और विनम्रता क्या होती है, उनके बारे में उन्हें कुछ नहीं कहना है. लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. महेश जोशी ने नाम लिए बगैर पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान में तो प्रधानमंत्री को प्रदेश की परंपरा के तहत सम्मान दिया गया है. हम नहीं जानते कि हरियाणा (मानेसर जहां पायलट कैंप चला गया था) की तरह आतिथ्य और यूपी (जहां पायलट का जन्म हुआ) की तरह एनकाउंटर नहीं होते हैं.
महेश जोशी ने कहा कि वह उस एडवाइजरी में बंधे हुए हैं जो कांग्रेस आलाकमान की ओर से जारी की गई है. अगर कांग्रेस आलाकमान उन्हें भेजे गए कारण बताओ नोटिस के बाद उनसे संतुष्ट होता है तो वह भी उन्हें मंजूर है और यदि आलाकमान उन्हें दोषी मानकर सजा देता है तो भी मंजूर है. महेश जोशी ने कहा कि हमने 25 सितंबर को जो कहा वह आलाकमान को अपनी बात पहुंचाने का तरीका था और हम किसी भी हाल में कांग्रेस का नुकसान नहीं होने देंगे.