जयपुर. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं. 24 साल बाद कांग्रेस पार्टी को कोई गैर गांधी अध्यक्ष मिला है. मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने अध्यक्ष बनने के बाद कोई सबसे पहली चुनौती है तो वह राजस्थान में उस सियासी उठापटक का पटाक्षेप करना जिसके गवाह वह खुद पर्यवेक्षक के तौर पर रह चुके हैं. बहरहाल अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान को लेकर क्या निर्णय लिए जाएंगे यह तो आने वाले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा लेकिन फिलहाल खड़गे को राजस्थान के नेताओं की ओर से दिल्ली जाकर बधाई देने का सिलसिला जारी है.
चाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हों या फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तीनों नेता मलिकार्जुन खड़गे को बधाई देने दिल्ली पहुंचे थे. वहीं राजस्थान से दिल्ली पहुंचकर मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देने वाले तीन ऐसे नेता भी शामिल हैं जिन्हें 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने और स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा देने की पटकथा (Joshi and Dharmendra Rathod congratulate Kharge) लिखने वालों में गिना जा रहा था.
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अजय माकन के साथ ही पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान आए मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी रिपोर्ट में राजस्थान के तीन नेताओं इनमें मुख्य सचेतक महेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को दोषी माना था और उसी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अनुशासन समिति ने तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. लेकिन खड़गे के अध्यक्ष बनते ही शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ आज दिल्ली स्थित उनके आवास पर (Mahaesh Joshi and Dharmendra Rathod in delhi) उन्हें बधाई देते दिखाई दिए.
ऐसे में गहलोत, पायलट, डोटासरा से भी ज्यादा महत्वपूर्ण इन दोनों नेताओं का खड़गे के निवास पर पहुंचना माना जा रहा है. महेश जोशी तो मुख्यमंत्री गहलोत के साथ ही खड़गे के निवास पर पहुंचे थे. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या दोनों नेताओं ने अपनी सफाई भी खड़गे को दी है जिनकी रिपोर्ट के आधार पर तीनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस मिला था.