जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 3 मई को जन्मदिन है. सीएम को उनके समर्थक तो जन्मदिन की बधाई देने की तैयारी कर ही रहे हैं, लेकिन सोमवार को प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने पोस्टकार्ड भेज सीएम को जन्मदिन की बधाई दी. दरअसल, पिछले 15 दिनों से राजधानी जयपुर में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का महापड़ाव जारी है. लेकिन सरकार इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में अब धरने पर बैठे महासंघ ने आंदोलन के फॉर्मेट में बदलाव किया है. साथ ही कर्मचारियों ने महापड़ाव के बीच तीन दिन का प्रोगाम बनाया है. जिसके तहत पहले दिन यानी 1 मई को पोस्टकार्ड के जरिए मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी गई. इसके साथ ही उनकी मांगों की सूची भी सीएम को भेजी गई. वहीं, 2 मई को महापड़ाव स्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन होगा, जबकि 3 मई को ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाएगा.
अनुरोध पत्र : प्रदेश में मंत्रालयिक कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा है. 10 अप्रैल से प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारी अवकाश पर हैं. वहीं, 17 अप्रैल से जयपुर में महापड़ाव डाले हुए हैं. मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आंदोलन पर जब सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई तो अब कर्मचारियों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 3 दिवसीय प्रोग्राम बनाया है. जिसके तहत 1 मई को मुख्यमंत्री को अनुरोध पत्र लिखे गए. ये सभी अनुरोध पत्र पोस्टकार्ड पर लिखे गए. जिसमें कर्मचारियों ने उनकी समस्याओं से मुख्यमंत्री अवगत कराते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं.
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पत्र में कर्मचारियों ने लिखा कि सर्वप्रथम आपको राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए आभार व धन्यवाद. राजस्थान का मंत्रालयिक कर्मचारी 10 अप्रैल, 2023 से सामूहिक अवकाश पर है. 17 अप्रैल, 2023 से शिप्रा पथ पर भीषण गर्मी, अंधड़, तूफान, बारिश में महापड़ाव डाले अपने न्यायोचित मांगों के लिए बैठा है. ऐसे में आपसे अनुरोध है कि अति शीघ्र हमारी न्यायोचित मांगों के आदेश जारी करें.
सद्बुद्धि यज्ञ व ब्लड डोनेशन कैंप : वहीं, 2 मई को महापड़ाव स्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन होगा. जबकि 3 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जन्मदिन पर महापड़ाव स्थल पर ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाएगा. कर्मचारी नेता इंद्रजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश में महंगाई राहत कैंप का आगाज तो हो गया, लेकिन प्रदेश का मंत्रालयिक कर्मचारी पिछले 15 दिन से महापड़ाव डाले हुए हैं, उनकी कोई सुध तक नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ यहां बैठी हैं, लेकिन इस सरकार को महासंघ की न्यायोचित मांग नहीं दिख रही है. आगे उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक उनका ये महापड़ाव जारी रहेगा.
अवकाश पर 50 हजार कर्मचारी : मंत्रालय कर्मचारी नेता इंद्रजीत शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं. वहीं, 17 अप्रैल से महापड़ाव में जारी है. जिसमें 33 जिलों, सभी उपखंड मुख्यालयों सहित जयपुर के 50 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारी शामिल हैं. इसमें सभी जिला कलेक्टर कार्यालय, उपखंड कार्यालय, परिवहन विभाग, वाणिज्य कर विभाग, पंजियन मुद्रांक विभाग, आबकारी सहित सभी राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग के सभी पंचायत समितियों और जिला परिषदों के मंत्रालयिक कर्मचारी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारी पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से अपने समकक्ष संवर्गों के समान वेतनमान की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से उनकी वेतन विसंगति की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते वो मजबूर होकर सामूहिक अवकाश व महापडाव कर रहे हैं.