जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक मदन दिलावर ने एक बार फिर कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम लिए बगैर बड़ा जुबानी हमला किया. मदन दिलावर ने कहा कि पुलिस बहाना बनाकर घूम रही थी, तो वो (रंधावा) मुख्यमंत्री के निवास में सारे कांग्रेस मंत्रियों और पदाधिकारियों की उपस्थिति में भोजन करते मिलते हैं. दिलावर ने कहा कि सारे कांग्रेसी उन आतंकवादियों की आवभगत करते दिखते हैं. ऐसे में संगठित अपराध कैसे रुकेंगे?
उन्होंने कहा कि संगठित अपराधियों के हम संरक्षक दाता हो गए हैं. इसलिए हमको भी सजग रहना पड़ेगा और अगर मैं ईमानदार हूं, तो मुझे ईमानदार देखना पड़ेगा. दिलावर ने कहा कि राजस्थान में कहा जाता है कि अब सब थानों में एफआईआर दर्ज होती है. इसीलिए मामलों की संख्या बढ़ गई है. मुख्यमंत्री ने ऑर्डर दे दिया है एफआईआर दर्ज करने के, हम जानते हैं मुख्यमंत्री ने ऐसे आर्डर दिए हैं. लेकिन मैं जब एफआईआर दर्ज करवाने गया कि “प्रधानमंत्री की हत्या“ करने का भाषण एक आदमी ने दिया है.
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दिलावर ने कहा कि मोदी का खात्मा कर दो यानी उनकी हत्या कर दो, ये कहने वाले के खिलाफ मैं रिपोर्ट दर्ज करवाने गया, तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. मैं कोर्ट में जाता हूं. कोर्ट आदेश देता है कि इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करो, तो थानेदार खुद कोर्ट में जाकर कहता है कि एफआईआर करने की जो बात कही है, वह गलत है. जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही हो, वह जाकर ये बोले तो माना जा सकता है. लेकिन 25 हाईकोर्ट के वकील पहुंच जाते हैं, उसके बचाव में. ऐसे में संगठित अपराध कैसे रुक सकते हैं.
लाहोटी के बयान पर भड़के धारीवालः संगठित अपराध को रोकने के लिए लाए गए बिल पर चर्चा के दौरान जयपुर की हर दुकान पर हो रही मिलावट की बात कहकर भाजपा विधायक अशोक लाहोटी फंस गए और मंत्री शांति धारीवाल ने उन्हें जयपुर के सभी व्यापारियों को चोर बताने पर सवाल खड़े किए. लाहोटी ने कहा कि जयपुर शहर में कौन सी ऐसी दुकान है जहां मिलावट नहीं हो रही. इतना कहते ही मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि आपने सब दुकानदारों को चोर कैसे कहा?
इस पर अशोक लाहोटी ने संभलते हुए कहा कि दुकानदार नहीं आपकी सरकार के अधिकारी चोर हैं. लेकिन मंत्री शांति धारीवाल ने कहना जारी रखा कि क्या सभी व्यवसाई चोर हैं? सभी व्यवसायियों को चोर बता रहे हो. आपके अधिकारी चोर हैं. सरकार के अधिकारी चोर हैं. आपके संरक्षण में जो अधिकारी है वह चोर है. इसपर सभापति राजेन्द्र पारीक ने जब इन शब्दों को विलोपित करने को कहा, तो महेश जोशी और शांति धारीवाल ने कहा कि यह नहीं हटना चाहिए क्योंकि यह पता लगे लोगों को कि उन्होंने व्यापारियों को चोर बताया है.
अजमेर में युवा मोर्चा पर लाठीचार्ज के विरोध में भाजपा ने किया सदन से वाकआउटः संगठित अपराध को लेकर विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा के सदस्यों की ओर से अजमेर में आरपीएससी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज करने के विरोध में हंगामा किया. हंगामे और नारेबाजी के बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट किया. सदन में जब संगठित अपराध को लेकर विधेयक पर चर्चा चल रही थी, उसी दौरान 8 और विधेयक सदन में रखे गए. इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति भी दर्ज करवाई, लेकिन सरकार ने सभी विधेयक पुरःस्थापित कर दिए.