रेनवाल (जयपुर). क्षेत्र में शुक्रवार को टिड्डी दल ने प्रवेश किया. टिड्डी दल ने अपने रास्ते में आने वाले पेड़ पौधों की पत्तियों को साफ कर दिया. रेनवाल में दोपहर 3 बजे टिड्डी दल ने हमला किया. इस टिड्डी दल के आकार की बात करें तो 10 किलोमीटर लंबा और 3 किलोमीटर चौड़ा था. रेनवालवासी टिड्डी अटैक से सहम गए. टिड्डियों को ग्रामीणों ने डीजे बजाकर, पटाखे फोड़कर और बर्तन पीटकर भगाने का प्रयास किया.
करीब एक सप्ताह पहले भी टिड्डी दल ने रेनवाल में अटैक किया था. रेनवाल के रामपुरा, मुंडली, लुनियावास, नांदरी, लालासर, हरसोली, मुण्डीयागढ़, बाघावास आदि पंचायतों के किसान प्रभावित हुए है. राजस्थान में टिड्डी दल का अटैक लगातार जारी है. सरकारी स्तर पर भी इससे निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन किसानों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.
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क्या है टिड्डी और कहां से आई?
पूरी दुनिया में रेगिस्तानी टिड्डी के प्रकोप से लगभग तीन करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित है. इतने क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी अफ्रीकन देश, अरब देशों, अरेबियन पेनिनसुला, दक्षिणी सोवियत रूस, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत सहित करीब 64 देश शामिल हैं. सामान्य दिनों में जब इनका प्रभाव कम होता है तब भी ये 30 देशों के एक करोड़ 60 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में पाई जाती हैं.
रेगिस्तानी टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला राजस्थान के जैसलमेर में 16 मई 2019 के बाद देखा गया. उस समय ये छितरी हुई अवस्था में थे. भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण एवं अनुसंधान विभाग के अनुसार, मई 2019 में 246 जगहों पर सर्वे किया गया था, जिनमें से 46 स्थानों पर टिड्डी पाए गए थे. बीकानेर जिले के कुछ इलाकों में भी टिड्डी दल देखे गए थे.