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POCSO Court On Rape Accuse: नाबालिग से रेप, अभियुक्त को कोर्ट ने उम्र भर के लिए भेजा जेल

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Published : Jan 18, 2023, 12:49 PM IST

Updated : Jan 18, 2023, 4:06 PM IST

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया और अभियुक्त को 20 साल कैद की सजा सुनाई (POCSO Court On Rape Accuse).

POCSO Court On Rape Accuse
POCSO Court On Rape Accuse

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर द्वितीय ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त का नाम मनोज कुमार उर्फ मोनू बताया. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 7,500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में नाबालिग बयान से मुकर भी गई थी. जिस पर अदालत ने कहा कि नाबालिग पीड़िता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है (POCSO Court On Rape Accuse). इसके साथ ही अदालत ने मेडिकल साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर माना कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मातादीन शर्मा ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 4 जनवरी 2021 को मुरलीपुरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया था कि रात को उसकी नाबालिग बेटी बाहर के कमरे में सो रही थी. उसकी दादी ने जब रात करीब 12 बजे देखा तो वह कमरे में नहीं मिली. उसकी कॉपी में एक मोबाइल नंबर मिला, जो आरोपी मनोज का था.

उस नम्बर के आधार पर पिता मनोज के घर गए तो उसने पीड़िता को कमरे में छिपा रखा था. वहीं पीड़िता ने कहा कि मनोज उसे मोटरसाइकिल से घर से लाया है और उसके साथ गलत काम किया है. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

पढ़ें- POCSO Court: नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 20 साल की सजा

बयान से मुकरी लड़की- ट्रायल के दौरान ऐसा समय भी आया जब पीड़िता अपने बयानों से मुकर गई. उसने कहा कि अभियुक्त ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन कोर्ट ने मेडिकल साक्ष्यों को आधार माना. डीएनए और अन्य मेडिकल सबूतों के आधार पर साबित हुआ कि नाबालिग संग रेप किया गया है. दुष्कर्म की पुष्टि होने पर अभियुक्त को बीस साल कैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर द्वितीय ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त का नाम मनोज कुमार उर्फ मोनू बताया. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 7,500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में नाबालिग बयान से मुकर भी गई थी. जिस पर अदालत ने कहा कि नाबालिग पीड़िता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है (POCSO Court On Rape Accuse). इसके साथ ही अदालत ने मेडिकल साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर माना कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मातादीन शर्मा ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 4 जनवरी 2021 को मुरलीपुरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया था कि रात को उसकी नाबालिग बेटी बाहर के कमरे में सो रही थी. उसकी दादी ने जब रात करीब 12 बजे देखा तो वह कमरे में नहीं मिली. उसकी कॉपी में एक मोबाइल नंबर मिला, जो आरोपी मनोज का था.

उस नम्बर के आधार पर पिता मनोज के घर गए तो उसने पीड़िता को कमरे में छिपा रखा था. वहीं पीड़िता ने कहा कि मनोज उसे मोटरसाइकिल से घर से लाया है और उसके साथ गलत काम किया है. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

पढ़ें- POCSO Court: नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 20 साल की सजा

बयान से मुकरी लड़की- ट्रायल के दौरान ऐसा समय भी आया जब पीड़िता अपने बयानों से मुकर गई. उसने कहा कि अभियुक्त ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन कोर्ट ने मेडिकल साक्ष्यों को आधार माना. डीएनए और अन्य मेडिकल सबूतों के आधार पर साबित हुआ कि नाबालिग संग रेप किया गया है. दुष्कर्म की पुष्टि होने पर अभियुक्त को बीस साल कैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई.

Last Updated : Jan 18, 2023, 4:06 PM IST
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