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भजनलाल सरकार पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का प्रहार, कहा- 100 दिन की कार्य योजना बनाने में निकले 50 दिन, आगे क्या करेंगे काम - Julie attack on Bhajanlal govt

Julie attack on Bhajanlal government, कांग्रेस ने अलवर ग्रामीण सीट से विधायक टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया है, जिनका कहना है कि भजनलाल सरकार को 100 दिन की कार्य योजना बनाने में ही 50 दिन निकल गए. जिस जनता ने हमें चुनकर भेजा है. उसके हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रदेश की भजनलाल सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार तक पर जमकर निशाना साधा.

Julie attack on Bhajanlal government
Julie attack on Bhajanlal government
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 19, 2024, 10:27 AM IST

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से खास बातचीत

जयपुर. अलवर ग्रामीण सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे टीकाराम जूली को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है. वे विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष सरकार को घेरेंगे. इसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बतौर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की प्राथमिकता बताई. साथ ही उन्होंने प्रदेश की भजनलाल सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने राम मंदिर, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं पर ईडी की छापेमारी पर भी बेबाक बयान दिए. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद की चुनौतियों के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि वह काम ही क्या है, जिसमें चुनौती न हो. आलकमान ने जो विश्वास उन पर जताया है. वो उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे. राजस्थान की आम आवाम ने हमें चुनकर यहां भेज है. उनके हितों की रक्षा करना और उनके हक की लड़ाई लड़ना उनकी प्राथमिकता है. विपक्ष जब राज में आता है तो पुरानी चीजें भूल जाता है. उसको लाइन पर रखना है. ऐसे फैसले नहीं हो, जो प्रदेश की जनता के खिलाफ हो. यही मुख्य रूप से हमारा दायित्व होगा.

मजबूत विपक्ष, अनुभव का फायदा लेंगे : सरकार को घेरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार हमारा विपक्ष काफी मजबूत है. कांग्रेस के 70 विधायक हैं. अन्य पार्टियों के और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं. हम सब मिलकर काम करेंगे. जो वरिष्ठ हैं. उनके अनुभव का हम लाभ उठाएंगे. उसी के आधार पर रणनीति बनाते हुए गांव और सड़क की चर्चा को किस तरह हम लागू करवाएं, यह हमारी प्राथमिकता रहेगी.

इसे भी पढ़ें - भजनलाल सरकार पर बरसे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कहा 6 महीने का क्यों 5 साल का कामकाज का करें रिव्यू

सरकार ने बदले योजनाओं के नाम : प्रदेश की भजनलाल सरकार के एक महीने के कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा कि यह पर्ची की सरकार है, जिसमें अब तक एक भी फैसला नहीं हुआ है. फैसला यह हुआ है कि गहलोत सरकार की योजनाओं को रोका जाए. कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदले जाए. किसानों को रात में बिजली दी जा रही है. युवाओं की नौकरी छीनने के निर्णय हुए हैं. 100 दिन की कार्ययोजना बनाने में 50 दिन निकल चुके हैं. करेंगे क्या. ये लोग दिखावे की राजनीति कर रहे हैं. जाति-धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. इन्हें आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है.

अन्नपूर्णा रसोई के बजट में की 50 फीसदी कटौती : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को भाजपा सरकार द्वारा बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजीव गांधी युवा मित्रों को हटा दिया. महात्मा गांधी प्रेरकों की 50 हजार की भर्ती रोक दी. इंदिरा रसोई का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई कर दिया. उसके बजट में 50 फीसदी की कटौती कर दी. किसानों के प्याज की कीमत जमीन पर गिर गई. किसानों को रात में बिजली की सप्लाई दी जा रही है. 50 साल पुराने बिल आज अचानक किसानों के सामने आ रहे हैं. पीएचईडी के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. इनके सब निर्णय हवा हवाई हैं.

भाजपा ने जो हौवा बनाया, वो जनता जान चुकी है : लोकसभा चुनाव की रणनीति के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हम मजबूती के साथ लड़ाई लड़ेंगे. कांग्रेस के लिहाज से अच्छे परिणाम राजस्थान और देश में आएंगे. ये एक तरह का हौवा बना रहे हैं. उसे जनता जान चुकी है. पीएम मोदी कहते थे कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे. हर परिवार को पक्का मकान देंगे. दो करोड़ रोजगार हर साल देंगे. डॉलर-रुपया एक समान कर देंगे. आतंकवाद खत्म कर देंगे. इन वादों का क्या हुआ. किसान की आमदनी दोगुनी तो दूर की बात है. आधी भी नहीं छोड़ी इन्होंने. हर बार नया जुमला और नया झांसा यही इनकी नीति है.

इसे भी पढ़ें - पहली बार विधानसभा में दलित के हाथ नेता प्रतिपक्ष की 'कमान', टीकाराम जूली बोले- दलित समाज रहेगा आभारी

मेरे तो नाम में ही राम, हनुमानजी का भक्त हूं : राम मंदिर के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके तो नाम में ही राम है और वो हनुमानजी के भक्त हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मंदिर के ताले खुलवाए थे, लेकिन कांग्रेस ने कभी धर्म की राजनीति नहीं की. भगवान के दर पर जाने के लिए निमंत्रण की कहां जरूरत है. जिसको राम बुलाएंगे. वो अपने आप जाएगा. ये सिर्फ इस पर राजनीति कर रहे हैं. भगवान राम की फोटो हटेगी तो पीएम मोदी की पहले दिखेगी. इस तरह की व्यवस्था की जा रही है. अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सवाल उठाया तो शंकराचार्यों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. उन्हीं पर आरोप लगाए जा रहे हैं. अधूरे मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्रवाई जा रही है. यह गलत है. उन्हें जल्दी तो लोकसभा चुनाव की है.

ईडी चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं के यहां आती है : पूर्व मंत्री महेश जोशी के घर ईडी की छापेमारी को लेकर वे बोले- ईडी को सही कार्रवाई करनी चाहिए. जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई करे. लेकिन ईडी चुनाव से पहले ही क्यों जागती है. विधानसभा चुनाव से पहले भी ईडी आई. राजीव अरोड़ा, धर्मेंद्र राठौड़ और गोविंद सिंह डोटासरा तक ईडी पहुंची. अब लोकसभा चुनाव से पहले फिर आ गए हैं. देश में जो विपक्षी दल हैं. इन्हीं की ईडी को सारी गड़बड़ नजर आती है. क्या भाजपा के लोग ऐसे नहीं हैं. ईडी ने जो कार्रवाई की है. उसका खुलासा तो हो.

पहली बार कोई दलित यहां पहुंचा है : उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर दलित वोट बैंक साधने की रणनीति के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि दलित कांग्रेस का परंपरागत वोटर रहे हैं, जो मजबूती से कांग्रेस के समर्थन में खड़ा है. अबकी बार दलित ज्यादा मजबूती के साथ कांग्रेस के साथ आएंगे, क्योंकि पहली बार किसी दलित को बतौर नेता प्रतिपक्ष मौका मिला है तो दलित समाज भी इस ओर देख रहा है.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से खास बातचीत

जयपुर. अलवर ग्रामीण सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे टीकाराम जूली को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है. वे विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष सरकार को घेरेंगे. इसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बतौर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की प्राथमिकता बताई. साथ ही उन्होंने प्रदेश की भजनलाल सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने राम मंदिर, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं पर ईडी की छापेमारी पर भी बेबाक बयान दिए. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद की चुनौतियों के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि वह काम ही क्या है, जिसमें चुनौती न हो. आलकमान ने जो विश्वास उन पर जताया है. वो उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे. राजस्थान की आम आवाम ने हमें चुनकर यहां भेज है. उनके हितों की रक्षा करना और उनके हक की लड़ाई लड़ना उनकी प्राथमिकता है. विपक्ष जब राज में आता है तो पुरानी चीजें भूल जाता है. उसको लाइन पर रखना है. ऐसे फैसले नहीं हो, जो प्रदेश की जनता के खिलाफ हो. यही मुख्य रूप से हमारा दायित्व होगा.

मजबूत विपक्ष, अनुभव का फायदा लेंगे : सरकार को घेरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार हमारा विपक्ष काफी मजबूत है. कांग्रेस के 70 विधायक हैं. अन्य पार्टियों के और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं. हम सब मिलकर काम करेंगे. जो वरिष्ठ हैं. उनके अनुभव का हम लाभ उठाएंगे. उसी के आधार पर रणनीति बनाते हुए गांव और सड़क की चर्चा को किस तरह हम लागू करवाएं, यह हमारी प्राथमिकता रहेगी.

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सरकार ने बदले योजनाओं के नाम : प्रदेश की भजनलाल सरकार के एक महीने के कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा कि यह पर्ची की सरकार है, जिसमें अब तक एक भी फैसला नहीं हुआ है. फैसला यह हुआ है कि गहलोत सरकार की योजनाओं को रोका जाए. कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदले जाए. किसानों को रात में बिजली दी जा रही है. युवाओं की नौकरी छीनने के निर्णय हुए हैं. 100 दिन की कार्ययोजना बनाने में 50 दिन निकल चुके हैं. करेंगे क्या. ये लोग दिखावे की राजनीति कर रहे हैं. जाति-धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. इन्हें आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है.

अन्नपूर्णा रसोई के बजट में की 50 फीसदी कटौती : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को भाजपा सरकार द्वारा बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजीव गांधी युवा मित्रों को हटा दिया. महात्मा गांधी प्रेरकों की 50 हजार की भर्ती रोक दी. इंदिरा रसोई का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई कर दिया. उसके बजट में 50 फीसदी की कटौती कर दी. किसानों के प्याज की कीमत जमीन पर गिर गई. किसानों को रात में बिजली की सप्लाई दी जा रही है. 50 साल पुराने बिल आज अचानक किसानों के सामने आ रहे हैं. पीएचईडी के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. इनके सब निर्णय हवा हवाई हैं.

भाजपा ने जो हौवा बनाया, वो जनता जान चुकी है : लोकसभा चुनाव की रणनीति के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हम मजबूती के साथ लड़ाई लड़ेंगे. कांग्रेस के लिहाज से अच्छे परिणाम राजस्थान और देश में आएंगे. ये एक तरह का हौवा बना रहे हैं. उसे जनता जान चुकी है. पीएम मोदी कहते थे कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे. हर परिवार को पक्का मकान देंगे. दो करोड़ रोजगार हर साल देंगे. डॉलर-रुपया एक समान कर देंगे. आतंकवाद खत्म कर देंगे. इन वादों का क्या हुआ. किसान की आमदनी दोगुनी तो दूर की बात है. आधी भी नहीं छोड़ी इन्होंने. हर बार नया जुमला और नया झांसा यही इनकी नीति है.

इसे भी पढ़ें - पहली बार विधानसभा में दलित के हाथ नेता प्रतिपक्ष की 'कमान', टीकाराम जूली बोले- दलित समाज रहेगा आभारी

मेरे तो नाम में ही राम, हनुमानजी का भक्त हूं : राम मंदिर के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके तो नाम में ही राम है और वो हनुमानजी के भक्त हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मंदिर के ताले खुलवाए थे, लेकिन कांग्रेस ने कभी धर्म की राजनीति नहीं की. भगवान के दर पर जाने के लिए निमंत्रण की कहां जरूरत है. जिसको राम बुलाएंगे. वो अपने आप जाएगा. ये सिर्फ इस पर राजनीति कर रहे हैं. भगवान राम की फोटो हटेगी तो पीएम मोदी की पहले दिखेगी. इस तरह की व्यवस्था की जा रही है. अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सवाल उठाया तो शंकराचार्यों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. उन्हीं पर आरोप लगाए जा रहे हैं. अधूरे मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्रवाई जा रही है. यह गलत है. उन्हें जल्दी तो लोकसभा चुनाव की है.

ईडी चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं के यहां आती है : पूर्व मंत्री महेश जोशी के घर ईडी की छापेमारी को लेकर वे बोले- ईडी को सही कार्रवाई करनी चाहिए. जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई करे. लेकिन ईडी चुनाव से पहले ही क्यों जागती है. विधानसभा चुनाव से पहले भी ईडी आई. राजीव अरोड़ा, धर्मेंद्र राठौड़ और गोविंद सिंह डोटासरा तक ईडी पहुंची. अब लोकसभा चुनाव से पहले फिर आ गए हैं. देश में जो विपक्षी दल हैं. इन्हीं की ईडी को सारी गड़बड़ नजर आती है. क्या भाजपा के लोग ऐसे नहीं हैं. ईडी ने जो कार्रवाई की है. उसका खुलासा तो हो.

पहली बार कोई दलित यहां पहुंचा है : उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर दलित वोट बैंक साधने की रणनीति के सवाल पर टीकाराम जूली ने कहा कि दलित कांग्रेस का परंपरागत वोटर रहे हैं, जो मजबूती से कांग्रेस के समर्थन में खड़ा है. अबकी बार दलित ज्यादा मजबूती के साथ कांग्रेस के साथ आएंगे, क्योंकि पहली बार किसी दलित को बतौर नेता प्रतिपक्ष मौका मिला है तो दलित समाज भी इस ओर देख रहा है.

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