जयपुर. पॉक्सो मामले की विशेष अदालत क्रम 2 महानगर प्रथम ने पुलिस की गिरफ्तारी का डर दिखाकर महिला पक्षकार से दुष्कर्म करने वाले वकील नवल कुमार मीणा को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त वकील पर 50 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त वकील ने हाईकोर्ट में पीड़ित के पक्ष में मुकदमा लड़कर उसे पुलिस सुरक्षा दिलाई. लेकिन उस आदेश को छिपाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. ऐसे में वकील के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने बताया कि पीड़िता ने अंतरजातीय विवाह किया था. इसके बाद पीड़िता और उसके पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा मांगी थी. यह याचिका अभियुक्त वकील के जरिए पेश की गई थी. वहीं, अभियुक्त ने हाईकोर्ट की ओर से सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश को छिपाकर पीड़िता को गिरफ्तारी का भय दिखाया. इस दौरान अभियुक्त वकील ने पीड़िता के पति को भेजकर उसे अपने साथ रख लिया.
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वहीं, 14 जुलाई, 2019 से 23 जुलाई तक अभियुक्त वकील ने उसके साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद 27 जुलाई को पीड़िता ने शहर के प्रताप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. इधर, अभियुक्त वकील की ओर से कहा गया कि उसका शिकायतकर्ता युवती के साथ फीस का विवाद हो गया था. ऐसे में उसने बदले की भावना के चलते उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत में अभियुक्त को सजा सुनाई गई.