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विधानसभा में खल रही कटारिया की कमी! विपक्षी विधायकों ने किया सवालों से किनारा, मंत्री नहीं कर रहे तैयारी

राजस्थान विधानसभा में इन दिनों पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद्र कटारिया की कमी सभी को खल रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि सवाल पूछने वाले विधायकों की संख्या तेजी से घटी है तो वहीं, मंत्री भी बिना किसी तैयारी के सदन में पहुंच (MLAs shied away from questions) रहे हैं.

MLAs shied away from questions
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Published : Mar 4, 2023, 7:57 PM IST

सदन में खल रही कटारिया की कमी!

जयपुर. राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अब असम के राज्यपाल बन चुके हैं, लेकिन उनकी कमी अब साफ तौर पर विधानसभा में दिखाई दे रही है. दरअसल, कटारिया विधायकों के प्रश्नों के तार्किक पक्षों को जान खुद सदन में सवाल किया करते थे. ऐसे में मंत्री भी उनके सवालों का काफी संभलकर जवाब देते थे. लेकिन अब गुलाबचंद कटारिया विधानसभा में नहीं हैं. जिसका असर साफ तौर पर सदन की कार्यवाही के दौरान देखने को मिल रहा है.

मौजूदा स्थिति यह है कि न तो मंत्री अपने सवालों की ठीक से तैयारी कर विधानसभा में आ रहे हैं और न ही विधायक अब सवाल पूछने में कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं. आलम यह है कि स्पीकर सीपी जोशी को मंत्री सुखराम बिश्नोई, सालेह मोहम्मद और अर्जुन लाल बामणिया को सवालों के सही जवाब नहीं देने पर न केवल फटकार लगा चुके हैं, बल्कि तैयारी के साथ आने और गलत जवाब देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही सवाल स्थगित करने जैसे कड़े निर्देश भी दे चुके हैं.

इसे भी पढ़ें - सीएम अशोक गहलोत ने शेखावत को बताया 'घपलेबाज', पूछा PM से एक सवाल?

इतना ही नहीं विधानसभा में अब विधायक भी सवालों को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. अब हालात यह है कि लगभग हर दिन राजस्थान विधानसभा में पूछे जाने वाले तारांकित सवालों के कोटे पूरे हो जाते हैं. चाहे वह विधायकों के ज्यादा सप्लीमेंट्री सवाल नहीं पूछे जाने के चलते हो या फिर विधायकों के सवाल लगाने के बाद अनुपस्थित होने पर. यही कारण है कि खुद स्पीकर सीपी जोशी ने शुक्रवार को सवाल पूछकर प्रश्नकाल को पूरा कराए अन्यथा विधानसभा में तो प्रश्नकाल एक घंटे से 15 मिनट पहले ही पूरा हो चुका था.

सदन में खल रही कटारिया की कमी!

जयपुर. राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अब असम के राज्यपाल बन चुके हैं, लेकिन उनकी कमी अब साफ तौर पर विधानसभा में दिखाई दे रही है. दरअसल, कटारिया विधायकों के प्रश्नों के तार्किक पक्षों को जान खुद सदन में सवाल किया करते थे. ऐसे में मंत्री भी उनके सवालों का काफी संभलकर जवाब देते थे. लेकिन अब गुलाबचंद कटारिया विधानसभा में नहीं हैं. जिसका असर साफ तौर पर सदन की कार्यवाही के दौरान देखने को मिल रहा है.

मौजूदा स्थिति यह है कि न तो मंत्री अपने सवालों की ठीक से तैयारी कर विधानसभा में आ रहे हैं और न ही विधायक अब सवाल पूछने में कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं. आलम यह है कि स्पीकर सीपी जोशी को मंत्री सुखराम बिश्नोई, सालेह मोहम्मद और अर्जुन लाल बामणिया को सवालों के सही जवाब नहीं देने पर न केवल फटकार लगा चुके हैं, बल्कि तैयारी के साथ आने और गलत जवाब देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही सवाल स्थगित करने जैसे कड़े निर्देश भी दे चुके हैं.

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इतना ही नहीं विधानसभा में अब विधायक भी सवालों को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. अब हालात यह है कि लगभग हर दिन राजस्थान विधानसभा में पूछे जाने वाले तारांकित सवालों के कोटे पूरे हो जाते हैं. चाहे वह विधायकों के ज्यादा सप्लीमेंट्री सवाल नहीं पूछे जाने के चलते हो या फिर विधायकों के सवाल लगाने के बाद अनुपस्थित होने पर. यही कारण है कि खुद स्पीकर सीपी जोशी ने शुक्रवार को सवाल पूछकर प्रश्नकाल को पूरा कराए अन्यथा विधानसभा में तो प्रश्नकाल एक घंटे से 15 मिनट पहले ही पूरा हो चुका था.

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