सोलन/जयपुर: नालागढ़ में पशु चिकित्सालय की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. नालागढ़ निवासी चेतन वर्मा ने अपने पालतू कुत्ते को मामूली बुखार की शिकायत के चलते नालागढ़ पशु चिकित्सालय में ले गये जहां डॉक्टर से जल्द से जल्द उसका इलाज करने को कहा. अभी डॉक्टर ने ढंग से कुत्ते की जांच भी नहीं की थी कि इतने में कम्पाउंडर ने कुत्ते को एक टीका लगा दिया, जिसके बाद कुत्ते की तबीयत और बिगड़ने लग गई.
तबीयत बिगड़ता देख जब चेतन ने अस्पताल में शोर मचाना शुरु किया तो डॉक्टर ने आकर कुत्ते को देखा और तब पता चला कि डॉक्टर ने किसी भी प्रकार का टीका लगाने के लिए कहा ही नहीं था और कम्पाउंडर को जो टीका एक बकरी को लगाने के लिए कहा गया था वो उसने कुत्ते को लगा दिया.
कुत्ते की हालत में सुधार ना होता देख अस्पताल में उसे दो और टीके लगाए गए, लेकिन कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. एक मामूली बुखार के लिए अस्पताल में लाया गया कुत्ता अब मर चुका था. अस्पताल कर्मियों द्वारा अपनी गलती स्वीकार की गई और बोला गया कि गलती से कुत्ते को बकरी का टीका लगा दिया गया. उसके बाद चेतन ने नालागढ़ पुलिस थाने में जाकर इसकी शिकायत कर दी, बाद में मामला दर्ज कर लिया गया.
पुलिस ने अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखकर तुरंत पोस्टमार्टम करके मौत के कारणों की रिपोर्ट देने के लिए कहा है. पुलिस ने यह भी कहा कि अगर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पाई गई तो अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज होगा. पहले ही मामले में इतनी लापरवाहियां सामने आ रही थी और जब पोस्टमार्टम करने को कहा गया तो अस्पताल द्वारा पोस्टमार्टम का सामान भी कुत्ते के मालिक यानि चेतन से मंगवाया गया, जबकि ऐसे में यह काम अस्पताल प्रशासन का ही होता है.
शनिवार देर शाम पोस्टमार्टम नहीं हो पाया इसलिए रात को कुत्ते के शव को रखने को लेकर अस्पताल प्रशासन और पुलिस में भी कहा-सुनी हो गई, दोनों ही एक दुसरे को शव को रखने के लिए कहने लगे. अंत में लंबे झगडे के बाद पुलिस शव को नालागढ़ थाने ले गई जहां उसे रात भर रखा गया.
अवॉर्ड विनिंग था रोक्स कुत्ता
रोक्स एक बेहतरीन कुत्ता था, नालागढ़ में रेड क्रॉस द्वारा आयोजित डॉग शो में प्रथम पुरस्कार मिलने पर एसडीएम द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका था. इसके अलावा सोलन के भी एक डॉग शो में रोक्स अपनी धाक जमा चुका था. कुत्ते के मालिक चेतन का कहना था कि रोक्स उनके परिवार का सदस्य था और अस्पताल की कोताही और लापरवाही भरे रवैये के चलते उन्होंने अपने परिवार का एक सदस्य खो दिया है. चेतन का कहना है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा ना हो सके.