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जानिए गणेश ने क्यों दिया तुलसी को पौधा बनने का श्राप

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Published : Sep 18, 2019, 7:45 AM IST

भगवान शिव और मां पार्वती की संतान भगवान गणेश का स्‍वरूप अद्भुत है. उनकी नाक हाथी की सूंड की तरह और बड़े-बड़े कान हैं. भगवान गणेश को सफलता और मुसीबतों का संहारक माना जाता है. उन्‍हें शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का दाता भी माना जाता है.

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जयपुर. भगवान श्री गणेश को सभी दुखों का पालनहार हैं. हिंदू धर्म में प्रमुख पांच देवी-देवता यानी सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है. गणेश जी को भौतिक, दैहिक और अध्यात्मिक कामनाओं के सिद्धि के लिए सबसे पहले पूजा जाता है. इसलिए इन्हें गणाध्यक्ष और मंगलमूर्ति कहा जाता हैं.

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मां पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश का निर्माण किया

शिव पुराण के अनुसार मां पार्वती की सहेली जया और विजया ने गणेश जी को बनाने का सुझाव दिया था. उन्‍होंने मां पार्वती को कहा कि नंदी और अन्‍य भक्‍त केवल महादेव के ही आदेश का पालन करते हैं. इसलिए कोई तो ऐसा होना चाहिए जो केवल उनकी बात सुने. इसलिए मां पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश का निर्माण किया था.

पढ़ें- गांधी ने मृत्यु को बताया था 'सबसे सच्ची मित्र'

ब्रह्मवावर्त पुराण में ये बात कही गई है कि एक दिन जब तुलसी देवी गंगा के किनारे बैठी थीं. उस समय भगवान गणेश वहीं पर ध्‍यान कर रहे थे. तुलसी देवी ने भगवान गणेश के सामने विवाह का प्रस्‍ताव रखा. लेकिन गणेश ने प्रस्तान अस्‍वीकार कर दिया. तब तुलसी ने उन्‍हें श्राप दिया कि जल्‍द की उनका विवाह होगा. इसके बदले में गणेश जी ने तुलसी को पौधा बन जाने का श्राप दे दिया.

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गणेश ने दिया तुलसी को पौधा बनने का श्राप

पढ़ें- केवल रामायण में है दुनिया की सारी समस्याओं का समाधान: गृह मंत्री अमित शाह

दूसरी कहानी के अनुसार गणपति के हाथी जैसे सिर होने के कारण कोई भी लड़की उनसे शादी करने को तैयार नहीं थी. सभी देवताओं की पत्नियां थीं और ये बात गणेश को बहुत अखरती थी. ऐसे में गणपति ने अन्य देवताओं की शादियों में विध्न पैदा करना शुरू कर दिया. किसी न किसी तरह से वो देवताओं की शादी में कुछ गड़बड़ करते. ऐसे में सभी देवता ब्रह्मा के पास गए और ब्रह्मा ने गणपति के लिए दो सुंदर कन्याओं की रचना की. ये थीं रिद्धी और सिद्धी. इसके बाद गणपति की शादी हुई और शुभ और लाभ पैदा हुए.

पढ़ें- NRC से बाहर हुए लोगों के लिए भारत में सबसे बड़ा हिरासत केंद्र

बुधवार के दिन इस प्रकार करे भगवान गणेश को प्रसन्न

भगवान की पूजा सच्चें मन से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में है. तो इस दिन पूजा करने से वह भी शांत हो जाता है. बुधवार को गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय जिससे आपकी हर समस्या का निवारण हो जाएगा. बुधवार के दिन सुबह स्नान कर गणेशजी के मंदिर उन्हें दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें. ऐसा करनें से आपको जल्द ही शुभ फल मिलेगें. अगर आप जिस काम को करने की कोशिश करते है. या फिर हर काम में आपको असफलता मिलती है. तो बुधवार के दिन गणेश के इस मंत्र का जाप विधि-विधान से करें. आपकों सभी कष्टों से निजात मिल जाएगा.

जयपुर. भगवान श्री गणेश को सभी दुखों का पालनहार हैं. हिंदू धर्म में प्रमुख पांच देवी-देवता यानी सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है. गणेश जी को भौतिक, दैहिक और अध्यात्मिक कामनाओं के सिद्धि के लिए सबसे पहले पूजा जाता है. इसलिए इन्हें गणाध्यक्ष और मंगलमूर्ति कहा जाता हैं.

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मां पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश का निर्माण किया

शिव पुराण के अनुसार मां पार्वती की सहेली जया और विजया ने गणेश जी को बनाने का सुझाव दिया था. उन्‍होंने मां पार्वती को कहा कि नंदी और अन्‍य भक्‍त केवल महादेव के ही आदेश का पालन करते हैं. इसलिए कोई तो ऐसा होना चाहिए जो केवल उनकी बात सुने. इसलिए मां पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश का निर्माण किया था.

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ब्रह्मवावर्त पुराण में ये बात कही गई है कि एक दिन जब तुलसी देवी गंगा के किनारे बैठी थीं. उस समय भगवान गणेश वहीं पर ध्‍यान कर रहे थे. तुलसी देवी ने भगवान गणेश के सामने विवाह का प्रस्‍ताव रखा. लेकिन गणेश ने प्रस्तान अस्‍वीकार कर दिया. तब तुलसी ने उन्‍हें श्राप दिया कि जल्‍द की उनका विवाह होगा. इसके बदले में गणेश जी ने तुलसी को पौधा बन जाने का श्राप दे दिया.

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दूसरी कहानी के अनुसार गणपति के हाथी जैसे सिर होने के कारण कोई भी लड़की उनसे शादी करने को तैयार नहीं थी. सभी देवताओं की पत्नियां थीं और ये बात गणेश को बहुत अखरती थी. ऐसे में गणपति ने अन्य देवताओं की शादियों में विध्न पैदा करना शुरू कर दिया. किसी न किसी तरह से वो देवताओं की शादी में कुछ गड़बड़ करते. ऐसे में सभी देवता ब्रह्मा के पास गए और ब्रह्मा ने गणपति के लिए दो सुंदर कन्याओं की रचना की. ये थीं रिद्धी और सिद्धी. इसके बाद गणपति की शादी हुई और शुभ और लाभ पैदा हुए.

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बुधवार के दिन इस प्रकार करे भगवान गणेश को प्रसन्न

भगवान की पूजा सच्चें मन से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में है. तो इस दिन पूजा करने से वह भी शांत हो जाता है. बुधवार को गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय जिससे आपकी हर समस्या का निवारण हो जाएगा. बुधवार के दिन सुबह स्नान कर गणेशजी के मंदिर उन्हें दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें. ऐसा करनें से आपको जल्द ही शुभ फल मिलेगें. अगर आप जिस काम को करने की कोशिश करते है. या फिर हर काम में आपको असफलता मिलती है. तो बुधवार के दिन गणेश के इस मंत्र का जाप विधि-विधान से करें. आपकों सभी कष्टों से निजात मिल जाएगा.

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