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चंद्र ग्रहण कल, सूतक काल समेत सभी जरूरी बातें यहां जानें...

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022 ) पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा. भारत में ग्रहण के दिखने के कारण इसका सूतककाल मान्य होगा. देश में सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा. वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्र ग्रहण, जबकि राजस्थान में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा. यहां जानें जरूरी बातें...

Chandra Grahan 2022
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
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Published : Nov 7, 2022, 2:36 PM IST

जयपुर. पहले सूर्य ग्रहण और अब 15 दिनों के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण (Chandra Grahan 2022) चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले ही लग जाएगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 4:23 से होगी और इसका समापन 6:18 मिनट पर होगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. अमित व्यास के अनुसार 7 नवंबर, 2022 को 4:15 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी. ऐसे में देव दीपावली का त्योहार आज ही मनाया जाएगा.

हालांकि, अगले दिन 4:15 बजे तक पूर्णिमा रहेगी. ऐसी स्थिति (Know all important things including lunar eclipse) में मत अंतर है, लेकिन कल चंद्रग्रहण होने की वजह से आज ही देव दीपावली मनाई जाएगी. चंद्र ग्रहण शाम 4:21 से 6:18 के बीच अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय पर देखा जाएगा. जयपुर में चंद्र ग्रहण का समय 5:37 पर रहेगा. ऐसे में सूतक सुबह 9:21 से शुरू हो जाएगा.

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि सूर्यास्त होने से पहले यदि कोई तिथि शुरू हो जाती है तो वो तिथि उस दिन में मनाई जा सकती है. अगले दिन उदियात के अनुसार भी बनाई जा सकती है. वहीं, ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण होने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले, जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले से ही सूतक शुरू हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे ने सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होता है.
इसे भी पढ़ें - Chandra Grahan 2022 : साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, जानें आपके शहर में कब दिखेगा चांद...इन बातों का रखें विशेष ध्यान

वहीं, ज्योतिष गणना के मुताबिक ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है, जो कल यानी 8 नवंबर को मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा. मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं और इस दिन ये तीसरे भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे. इसके अलावा चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे और सूर्य केतु, शुक्र और बुध के साथ स्थित होंगे. देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन और शनिदेव भी अपनी स्वयं की राशि मकर में विराजमान रहेंगे.

बता दें कि शास्त्रों में सूतककाल को अशुभ माना गया है, लिहाजा सूतक लगने पर पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं. मंदिर के पट बंद हो जाते हैं. ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है. ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है. ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है. वहीं, चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए. इस दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों को भी नहीं छूना चाहिए.

जयपुर. पहले सूर्य ग्रहण और अब 15 दिनों के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण (Chandra Grahan 2022) चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले ही लग जाएगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 4:23 से होगी और इसका समापन 6:18 मिनट पर होगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. अमित व्यास के अनुसार 7 नवंबर, 2022 को 4:15 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी. ऐसे में देव दीपावली का त्योहार आज ही मनाया जाएगा.

हालांकि, अगले दिन 4:15 बजे तक पूर्णिमा रहेगी. ऐसी स्थिति (Know all important things including lunar eclipse) में मत अंतर है, लेकिन कल चंद्रग्रहण होने की वजह से आज ही देव दीपावली मनाई जाएगी. चंद्र ग्रहण शाम 4:21 से 6:18 के बीच अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय पर देखा जाएगा. जयपुर में चंद्र ग्रहण का समय 5:37 पर रहेगा. ऐसे में सूतक सुबह 9:21 से शुरू हो जाएगा.

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि सूर्यास्त होने से पहले यदि कोई तिथि शुरू हो जाती है तो वो तिथि उस दिन में मनाई जा सकती है. अगले दिन उदियात के अनुसार भी बनाई जा सकती है. वहीं, ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण होने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले, जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले से ही सूतक शुरू हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे ने सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होता है.
इसे भी पढ़ें - Chandra Grahan 2022 : साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, जानें आपके शहर में कब दिखेगा चांद...इन बातों का रखें विशेष ध्यान

वहीं, ज्योतिष गणना के मुताबिक ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है, जो कल यानी 8 नवंबर को मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा. मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं और इस दिन ये तीसरे भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे. इसके अलावा चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे और सूर्य केतु, शुक्र और बुध के साथ स्थित होंगे. देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन और शनिदेव भी अपनी स्वयं की राशि मकर में विराजमान रहेंगे.

बता दें कि शास्त्रों में सूतककाल को अशुभ माना गया है, लिहाजा सूतक लगने पर पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं. मंदिर के पट बंद हो जाते हैं. ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है. ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है. ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है. वहीं, चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए. इस दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों को भी नहीं छूना चाहिए.

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