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Kisan Padyatra in Jaipur: केंद्र और राज्य के बजट से निराश किसान निकालेंगे पदयात्रा, 28 को जुटेंगे जयपुर - Kisna Padyatra in Jaipur

अपनी विभिन्न मांगों के केंद्र और राज्य बजट में स्थान नहीं मिलने से निराश किसान 28 फरवरी को जयपुर में (Kisan padyatra in Jaipur on February 28) जुटेंगे. ये किसान 5 मार्गों से पदयात्रा के रूप में जयपुर में एकत्र होंगे.

Kisan padyatra in Jaipur on February 28 to voice their demands
केंद्र और राज्य के बजट से निराश किसान निकालेंगे पदयात्रा, 28 को जुटेंगे जयपुर
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Published : Feb 18, 2023, 4:55 PM IST

Updated : Feb 18, 2023, 11:18 PM IST

28 फरवरी को जयपुर में जुटेंगे किसान, जानिए क्यों...

जयपुर. खेत को पानी और फसल के दाम की मांग को लेकर प्रदेश के किसान अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं. केंद्र और राज्य के बजट से आस लगाए बैठे किसानों को निराशा हाथ लगी है. ऐसे में किसानों ने जयपुर आने वाले 5 मार्गों से पदयात्रा शुरू करते हुए 28 फरवरी को जयपुर के शहीद स्मारक पर जुटने का एलान किया है. किसान महापंचायत 24 फरवरी से अपनी पदयात्रा का आगाज करेगी.

न्यूनतम समर्थन मूल्य का गारंटी कानून बनाए जाने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को पूर्ण करने के लिए लागत का बजट में आवंटन करते हुए 13 जिलों के सभी बांधों और नदियों को जोड़ने जैसी विभिन्न मांगों को लेकर किसान महापंचायत 24 फरवरी से अपनी पदयात्रा का आगाज करने जा रही है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि खेत को पानी, फसल को दाम जैसी सहज अपेक्षा भी केंद्र और राज्य के बजट में पूरी नहीं हो सकी है. जिसके चलते किसान अपनी मांगों को लेकर जयपुर तक पदयात्रा करेंगे. पदयात्रा 28 फरवरी को सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पहुंचेगी.

पढ़ें: Crops crushed by farmers: नाराज किसानों ने फसलों पर चलाया ट्रैक्टर, जानिए क्यों

यात्राएं आगरा-भरतपुर मार्ग पर दौसा से, दिल्ली-जयपुर मार्ग पर शाहपुर-त्रिवेणी धाम, बीकानेर-सीकर मार्ग पर ब्रह्मचारी आश्रम-श्रीमाधोपुर, उदयपुर, अजमेर मार्ग पर गणेश मंदिर दूदू और झालावाड़-कोटा मार्ग पर टोंक जिले की निवाई अनाजमंडी से शुरू होगी. 27 फरवरी को इन यात्राओं का ठहराव जयपुर शहर के ट्रांसपोर्ट नगर, दुर्गापुरा, 200 फीट बायपास के पास डीसीएम और अनाज मंडी चांदपोल में होगा. 28 फरवरी को ये शहीद स्मारक पहुंचेगी. पदयात्रा में 917 से ज्यादा किसान शामिल होने का संकल्प ले चुके हैं.

पढ़ें: अलवर में किसान ने की खुदकुशी की कोशिश, फसल खराब होने की वजह से उठाया ये कदम

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों का ही किसानों पर ध्यान नहीं है. वो चाहते हैं कि दोनों सरकारें कृषि केंद्रित अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़े. बजट से पहले भी केंद्र और राज्य सरकारों को मांग पत्र भी सौंपे गए थे, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. एमएसपी के कानून पर तो चर्चा तक नहीं की गई. ऐसे में अब मजबूरन सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए पदयात्रा निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार फसल के दाम और खेत को पानी देगी तो किसान कुछ मांगेगा नहीं, बल्कि अपनी दाता की भूमिका निभाएगा.

पढ़ें: Farmers Hunger Strike in Bikaner: ठिठुरन भरी ठंड में धरने पर बैठे हैं केजेडी नहर के किसान

ये हैं अन्य मांगें:

  1. यमुना का पानी से जयपुर, सीकर, नागौर जिलों में पहुंचाना और 1994 के समझौते की पालना करना.
  2. परवान बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना सहित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए संकल्प लाना.
  3. आपदाओं से नष्ट हुई फसलों के लिए जितना नुकसान उतनी भरपाई के आधार पर सहायता प्रदान करना.

28 फरवरी को जयपुर में जुटेंगे किसान, जानिए क्यों...

जयपुर. खेत को पानी और फसल के दाम की मांग को लेकर प्रदेश के किसान अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं. केंद्र और राज्य के बजट से आस लगाए बैठे किसानों को निराशा हाथ लगी है. ऐसे में किसानों ने जयपुर आने वाले 5 मार्गों से पदयात्रा शुरू करते हुए 28 फरवरी को जयपुर के शहीद स्मारक पर जुटने का एलान किया है. किसान महापंचायत 24 फरवरी से अपनी पदयात्रा का आगाज करेगी.

न्यूनतम समर्थन मूल्य का गारंटी कानून बनाए जाने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को पूर्ण करने के लिए लागत का बजट में आवंटन करते हुए 13 जिलों के सभी बांधों और नदियों को जोड़ने जैसी विभिन्न मांगों को लेकर किसान महापंचायत 24 फरवरी से अपनी पदयात्रा का आगाज करने जा रही है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि खेत को पानी, फसल को दाम जैसी सहज अपेक्षा भी केंद्र और राज्य के बजट में पूरी नहीं हो सकी है. जिसके चलते किसान अपनी मांगों को लेकर जयपुर तक पदयात्रा करेंगे. पदयात्रा 28 फरवरी को सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पहुंचेगी.

पढ़ें: Crops crushed by farmers: नाराज किसानों ने फसलों पर चलाया ट्रैक्टर, जानिए क्यों

यात्राएं आगरा-भरतपुर मार्ग पर दौसा से, दिल्ली-जयपुर मार्ग पर शाहपुर-त्रिवेणी धाम, बीकानेर-सीकर मार्ग पर ब्रह्मचारी आश्रम-श्रीमाधोपुर, उदयपुर, अजमेर मार्ग पर गणेश मंदिर दूदू और झालावाड़-कोटा मार्ग पर टोंक जिले की निवाई अनाजमंडी से शुरू होगी. 27 फरवरी को इन यात्राओं का ठहराव जयपुर शहर के ट्रांसपोर्ट नगर, दुर्गापुरा, 200 फीट बायपास के पास डीसीएम और अनाज मंडी चांदपोल में होगा. 28 फरवरी को ये शहीद स्मारक पहुंचेगी. पदयात्रा में 917 से ज्यादा किसान शामिल होने का संकल्प ले चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों का ही किसानों पर ध्यान नहीं है. वो चाहते हैं कि दोनों सरकारें कृषि केंद्रित अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़े. बजट से पहले भी केंद्र और राज्य सरकारों को मांग पत्र भी सौंपे गए थे, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. एमएसपी के कानून पर तो चर्चा तक नहीं की गई. ऐसे में अब मजबूरन सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए पदयात्रा निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार फसल के दाम और खेत को पानी देगी तो किसान कुछ मांगेगा नहीं, बल्कि अपनी दाता की भूमिका निभाएगा.

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ये हैं अन्य मांगें:

  1. यमुना का पानी से जयपुर, सीकर, नागौर जिलों में पहुंचाना और 1994 के समझौते की पालना करना.
  2. परवान बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना सहित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए संकल्प लाना.
  3. आपदाओं से नष्ट हुई फसलों के लिए जितना नुकसान उतनी भरपाई के आधार पर सहायता प्रदान करना.
Last Updated : Feb 18, 2023, 11:18 PM IST
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