जयपुर. खेमराज कमेटी ने शुक्रवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सीएम अशोक गहलोत को सौंप दी. राज्य सरकार अब कमेटी की ओर से दी गई रिपोर्ट का परीक्षण करवाएगी. इसके बाद सिफारिशों पर फैसला (Khemraj Committee submitted final report) होगा. बता दें कि कई कर्मचारी संगठनों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खेमराज कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने मांगों का अध्ययन और विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की है. खेमराज कमेटी ने इसके पहले अंतरिम रिपोर्ट 2 फरवरी 2022 को पेश की थी, जिसकी क्रियान्विति की जा चुकी है.
कब बनाई गई खेमराज कमेटी: मुख्यमंत्री गहलोत ने साल 2021-22 के बजट में एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का एलान किया था. बजट घोषणा की क्रियान्विति में सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया गया था.
आंदोलन की चेतावनी: कर्मचारी संगठनों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी थी. 22 दिसंबर को कर्मचारियों ने प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किया था. कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि गहलोत सरकार ने अपने 4 साल में किसी भी चुनावी वादे को पूरा नहीं किया है. वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए बनाई गई सामंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सरकार ने आज तक सार्वजानिक नहीं की. इसके अलावा संविदाकर्मियों को नियमित करने का चुनावी वादा भी आज तक अधूरा है.
कर्मचारी संगठनों ने बताया कि चयनित वेतनमान का परिलाभ 9, 18 और 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर पदोन्नति पद के समान वेतन देने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है, लेकिन इसके आदेश आज तक जारी नहीं किए गए हैं. इसी तरह से मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय कर्मचारियों के समान वेतनमान देने और द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे 4200 करने के आदेश जारी करने की मांग भी लंबित है.
कर्मचारियों की ये हैं मांगें
- वेतन विसंगतियाें जैसे ग्रेड पे 2400 व 2800 के लिए बना पे-लेवल समाप्त कर केंद्र के अनुरूप पे हो.
- सेवाकाल में पदोन्नति के 4 अवसर.
- कर्मचारियों और पेंशनरों का जनवरी 2020 से जून 2021 तक का बकाया महंगाई भत्ता.
- स्पष्ट और पारदर्शी स्थानांतरण नीति.
- तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानांतरण खोले जाएं.
- अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिन से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक करें.
- संविदाकर्मियों का मानदेय न्यूनतम 18000 रुपए मासिक तय हो.
ठंडे बस्ते में सामंत कमेटी की रिपोर्ट : प्रदेश में सरकार ने साल 2004 में बंद की गई ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल की घोषणा की हुई है. साल में दो बार प्रमोशन, बोर्ड-संस्थाओं-निगमों में सातवां वेतनमान लागू करने और संविदाकर्मियों का मानदेय बढ़ाने जैसे मसलों पर भी कर्मचारी उम्मीद लगाकर बैठे हैं. इस बीच इन्हीं मसलों को लेकर बनी सामंत कमेटी की रिपोर्ट 2019 से ठंडे बस्ते में है. सरकार बार-बार कमेटी बनाकर कार्यकाल बढ़ा रही है. खेमराज कमेटी का कार्यकाल 31 अगस्त से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया था. जिसके बाद से कर्मचारी खेमराज कमेटी की रिपोर्ट उजागर करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे.