जयपुर. पूर्वे चिकित्सा मंत्री एवं मालवीय नगर से भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि लो फ्लोर बस से यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसके लिए मुआवजा पाने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है. सदन में जो एक व्यक्ति को दुर्घटना का 2 लाख का मुआवजा देने की बात मंत्री ने कही है, उसका कोई आवेदन नहीं आया था. उसे पूर्व महापौर अशोक लाहोटी ने ही मुआवजा दिया था.
पूर्व मंत्री के मुताबिक जयपुर शहर में 508 लो फ्लोर बस स्वीकृत हैं, जिनमें 3 लाख लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं. सराफ ने कहा कि इनमें से काफी बसें नाकारा हो चुकी हैं और सरकारी मानती है कि अभी 293 बसें ही चालू हालत में हैं. विभाग ने मातेश्वरी कंपनी को बसों की मरम्मत के लिए ठेका दे रखा है और उसे एक करोड़ रुपये महीना पेमेंट भी किया जाता है. उसके बावजूद भी बसों में आग लग जाती है, बस दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है और उनका ब्रेक फेल हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे दबाव में सरकार ने 600 नई बसें खरीदने का निश्चय किया है.
भाजपा विदायक सराफ ने आगे कहा कि जयपुर शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए हमने सभी बसें इलेक्ट्रिक खरीदने की मांग रखी थी, लेकिन सरकार ने 300 इलेक्ट्रिक बसें और 300 डीजल वाली बसें खरीदने का निश्चय किया है. उन्होंने कहा कि जहां तक मुआवजे की बात है, एक मृत व्यक्ति को दो लाख का मुआवजा दिया गया है, वह स्वयं प्रसंज्ञान लेकर हमारे पूर्व महापौर अशोक लाहोटी जो जेसीटीएसएल के अध्यक्ष भी थे उन्होंने दिया था. उसमें किसी भी तरह की आवेदन की आवश्यकता नहीं है.
सराफ ने कहा कि ऐसी बात कहकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. सराफ ने कहा कि यदि लो फ्लोर बस से कोई मौत होती है तो सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह उसको मुआवजा दे. आपको बता दें मंत्री धारीवाल ने विधानसभा में बताया था कि लो फ्लोर से दुर्घटना होने पर मृतक परिवारों को मुआवजा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अभी तक लो फ्लोर से मौत होने पर एक व्यक्ति को दो लाख का मुआवजा दिया गया है और उसका भी आवेदन किया गया था. शांति धारीवाल ने कहा कि आवेदन करने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है. जिस पर पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने मंत्री धारीवाल और गहलोत सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.