जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए गुर्जर की थड़ी के पास सुख विहार इलाके से चार मंजिला अवैध भवन को सील किया. ग्राम खो नागोरियान में जेएनयू हॉस्पिटल के सामने 6 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास किया जा रहा था. इसके साथ ही पीआरएन साउथ और जोन 12 क्षेत्र में करीब 3 हजार 500 वर्ग गज सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है.
जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने जोन पांच के क्षेत्राधिकार में गोपालपुरा बायपास मुख्य रोड पर गुर्जर की थड़ी के पास सेटबैक और बायलॉज के विरुद्ध बेसमेंट बनाकर चार मंजिला अवैध व्यवसायिक बिल्डिंग का निर्माण किया गया था. इस निर्माण को रोकने के लिए प्रारंभिक स्तर पर जेडीए ने नोटिस दिया था. समय-समय पर अवैध निर्माण में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को भी जब्त किया गया बावजूद इसके अवैध निर्माण कार्य जारी रहा. ऐसे में बुधवार को कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग में दुकानों पर ताले लगाकर प्रवेश द्वार और सीढ़ियों पर ईटों की दीवार चुनवाई गई. यहां जेडीए एक्ट की धारा 34 (क) के तहत कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग को सील किया गया है.
वहीं, जोन 10 में ग्राम खो नागोरियान में जेएनयू हॉस्पिटल के सामने 6 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर सतार एनक्लेव के नाम से अवैध आवासीय कॉलोनी बसाई जा रही थी. यहां ग्रेवल सड़के, पत्थरगढ़ी और दूसरे अवैध निर्माण किए गए थे जिन्हें राजस्व स्टाफ की निशानदेही पर ध्वस्त करते हुए अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया. संबंधित निजी खातेदार के विरुद्ध धारा 175 राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए उपायुक्त को लिखा गया. इस कार्रवाई का खर्चा भी निजी खातेदार से ही वसूल किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: CM गहलोत का केंद्र पर तीखा हमला, Tweet कर कहा- इस देश ने ऐसी असंवेदनशील सरकार नहीं देखी होगी
इसके अलावा जोन 12 में सरकारी तलाई की करीब 800 वर्ग गज भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा था जिसे अतिक्रमण से मुक्त कराया गया. साथ ही जोन पीआरएन साउथ में सरकारी पार्क की करीब 2000 वर्ग गज भूमि पर बीते 20 सालों से कब्जा कर बनाए गए दो पक्के कमरे, पशुओं के बाड़े और दूसरे अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई की गई. वहीं जोन 8 में सागर विस्तार में 40 फीट रोड सीमा पर करीब 10 फीट रोड पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से बाउंड्री वॉल और अन्य निर्माण किए गए थे जिन्हें जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया.