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जयपुर: शारदीय नवरात्रों में जमुवाय माता मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ - शारदीय नवरात्र

शारदीय नवरात्र में जयपुर के जमुवाय माता मंदिर में अष्टमी के दिन भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. भक्त सुबह से ही माता के मंदिर में पहुंचने लगे. वहीं भक्तों की भारी भीड़ देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की.

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Published : Oct 7, 2019, 6:55 AM IST

जयपुर. शारदीय नवरात्रों में प्रदेश भर के सभी माताजी के मंदिरों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. जयपुर जिले के जमवारामगढ़ स्थित जमुवाय माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान विशेष रोजाना कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. वहीं अष्टमी के दिन जमुवाय माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा. इस अवसर पर माता जी का विशेष श्रृंगार किया गया और विशेष पोशाक धारण करवाई गई.

बता दें कि जमुवाय माता मंदिर में सुबह 5 बजे से ही भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई. देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा. नवरात्र के अष्टमी के दिन जमुवाय माता मंदिर में कन्या पूजन और हवन किया गया. दूर दराज से माता के भक्त हाथों में ध्वज लिए माता के जयकारे लगाते हुए दर्शन करने पहुंचे. वहीं कई भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे.

जमुवाय माता मंदिर में अष्टमी पर उमड़ी भीड़

यह भी पढ़ें. जयपुर में कांग्रेस ने गुटका-पान मसाला से बने रावण का किया दहन

जमुवाय माता राजपूत समाज की कुलदेवी मानी जाती है इसलिए राजपूत समाज के लोगों द्वारा विशेष पूजा अर्चना की सामग्री लाई गई. जमुवाय माता की एक प्राचीन मान्यता भी है कि यहां पर युद्ध के समय जब सैनिक मर रहे थे तो माता ने उन्हें पुनर्जीवित किया था, तब से ही माता को लोग मानते है.

यह भी पढ़ें. चूरू: बिना दहेज लिए बेटे की शादी कर रामेश्वर लाल ने पेश की मिसाल

साथ ही महिलाओं ने माता को चुनरी और विशेष श्रृंगार सामग्री अर्पित की. भक्तों की ज्यादा भीड़ होने पर घंटों लाइनों में लगकर दर्शन पाने का इंतजार करना पड़ा. पुलिस प्रशासन की ओर से भक्तों की ज्यादा भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए. वहीं जमुवाय माता विकास समिति जयपुर की ओर से भी व्यवस्था की गई.

जयपुर. शारदीय नवरात्रों में प्रदेश भर के सभी माताजी के मंदिरों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. जयपुर जिले के जमवारामगढ़ स्थित जमुवाय माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान विशेष रोजाना कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. वहीं अष्टमी के दिन जमुवाय माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा. इस अवसर पर माता जी का विशेष श्रृंगार किया गया और विशेष पोशाक धारण करवाई गई.

बता दें कि जमुवाय माता मंदिर में सुबह 5 बजे से ही भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई. देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा. नवरात्र के अष्टमी के दिन जमुवाय माता मंदिर में कन्या पूजन और हवन किया गया. दूर दराज से माता के भक्त हाथों में ध्वज लिए माता के जयकारे लगाते हुए दर्शन करने पहुंचे. वहीं कई भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे.

जमुवाय माता मंदिर में अष्टमी पर उमड़ी भीड़

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जमुवाय माता राजपूत समाज की कुलदेवी मानी जाती है इसलिए राजपूत समाज के लोगों द्वारा विशेष पूजा अर्चना की सामग्री लाई गई. जमुवाय माता की एक प्राचीन मान्यता भी है कि यहां पर युद्ध के समय जब सैनिक मर रहे थे तो माता ने उन्हें पुनर्जीवित किया था, तब से ही माता को लोग मानते है.

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साथ ही महिलाओं ने माता को चुनरी और विशेष श्रृंगार सामग्री अर्पित की. भक्तों की ज्यादा भीड़ होने पर घंटों लाइनों में लगकर दर्शन पाने का इंतजार करना पड़ा. पुलिस प्रशासन की ओर से भक्तों की ज्यादा भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए. वहीं जमुवाय माता विकास समिति जयपुर की ओर से भी व्यवस्था की गई.

Intro:जयपुर
एंकर- शारदीय नवरात्रों में प्रदेश भर के सभी माताजी के मंदिरों में विशेष कार्यक्रमो का आयोजन हो रहा है। जयपुर जिले के जमवारामगढ़ स्थित जमुवाय माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान विशेष रोजाना कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। नवरात्रा अष्टमी के दिन जमुवाय माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा। इस अवसर पर माता जी का विशेष श्रंगार किया गया और विशेष पोशाक धारण करवाई गई। Body:जमुवाय माता मंदिर में सुबह 5:00 बजे से ही भक्तों की लंबी लंबी लाइनें लगना शुरू हो गई। देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा। नवरात्र अष्टमी के दिन जमुवाय माता मंदिर में कन्या पूजन और हवन किया गया। दूर दराज से माता के भक्त हाथों में ध्वज लिए माता के जयकारे लगाते हुए दर्शन करने पहुंचे। वहीं कई भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे। जमुवाय माता राजपूत समाज की कुलदेवी मानी जाती है इसलिए राजपूत समाज के लोगों द्वारा विशेष पूजा अर्चना की सामग्री लाई गई।
महिलाओं ने माता को चुनरी और विशेष श्रृंगार सामग्री अर्पित की। भक्तों की ज्यादा भीड़ होने पर घंटों लाइनों में लगकर दर्शन पाने का इंतजार करना पड़ा।
भक्तों की ज्यादा भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। वही जमुवाय माता विकास समिति जयपुर की ओर से भी व्यवस्था की गई। जमुवाय माता की एक प्राचीन मान्यता भी है कि यहां पर युद्ध के समय जब सैनिक मर रहे थे तो माता ने उन्हें पुनर्जीवित किया था जब से ही माता को लोग मानते है।

बाईट- संतोष, भक्तConclusion:
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