जयपुर. कमीशनखोरी और रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी की गिरफ्त में आए DoIT (सूचना प्रौद्योगिकी विभाग) के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को बुधवार को एसीबी ने एक बार फिर कोर्ट में पेश कर और 2 दिन के रिमांड पर लिया है. विभाग में चल रहे कमीशनखोरी और रिश्वत के खेल की कड़ियां जोड़ने में एसीबी की टीम लगी है.
दो दिन बढ़ी रिमांड अवधी : एसीबी सूत्रों का कहना है कि पहले वेदप्रकाश को 3 दिन के रिमांड पर लिया गया था. यह अवधि बुधवार को खत्म होने पर उसे दोबारा कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसकी रिमांड अवधि दो दिन और बढ़ा दी है. अब उससे पूछताछ के आधार पर एसीबी DoIT विभाग में भ्रष्टाचार कि कड़ियां जोड़ने में लगी है. हालांकि, एसीबी ने वेदप्रकाश की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए यह दलील दी कि आरोपी लगातार अपने बयान बदल रहा है. इसके चलते उससे पूछताछ के लिए रिमांड की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए. इस तर्क को मंजूर करते हुए कोर्ट ने आरोपी वेदप्रकाश यादव की रिमांड अवधि दो दिन बढ़ाई है.
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अलमारियों में मिले 2.31 करोड़, एक किलो सोना : योजना भवन में DoIT विभाग के बेसमेंट में रखी दो अलमारियों में 19 मई को 2.31 करोड़ रुपए और एक किलो सोना मिला था. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सामने आया कि वह रिश्वत की रकम इन अलमारियों में रखता था. इसके बाद पुलिस ने उसे एसीबी को सौंप दिया और एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था.
ऑफिस में रखता कमीशन और रिश्वत की रकम : एसीबी की पूछताछ में खुलासा हुआ कि जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव लंबे समय से स्टोर इंचार्ज का पद संभाल रहा है. इसके साथ ही वह विभाग की परचेज कमेटी का भी सदस्य है. पूछताछ में सामने आया कि खरीद प्रक्रिया से जुड़े हर टेंडर में वो दो फीसदी कमीशन लेता था. ऐसे में DoIT विभाग की पूरी परचेज कमेटी और हर टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही सामने आया है कि कमीशन और रिश्वत की राशि वेदप्रकाश यादव विभाग के बेसमेंट में बनी अलमारियों में रखता था.