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Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह के विरोध में सड़क पर उतरी जयपुर की महिलाएं, कहा- संस्कृति व प्रकृति के खिलाफ है ये शादी

सेम सेक्स मैरिज यानी समलैंगिक विवाह और इसको लेकर वर्तमान में विवाद की स्थिति बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट में इसे विधिक मान्यता देने को लेकर मामला चल रहा है. इसी बीच बुधवार को राजधानी जयपुर में महिलाओं ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन (Jaipur Women protest against same sex marriage) सौंपा.

Jaipur Women protest against same sex marriage
Jaipur Women protest against same sex marriage
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Published : May 3, 2023, 3:59 PM IST

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुनीता अग्रवाल

जयपुर. एक ओर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो दूसरी ओर देश में इसके पक्ष-विपक्ष में लोग अपनी-अपनी दलील देकर इसका समर्थन और विरोध भी कर रहे हैं. वहीं, समलैंगिक विवाह को विधिक मान्यता देने के विरोध में बुधवार को राजधानी जयपुर में बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरी. जिन्होंने इसका पुरजोर तरीक से विरोध किया. इस संबंध में महिलाओं ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम दिनेश कुमार शर्मा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

संस्कृति व प्रकृति विरोधी है सेम सेक्स मैरिज - दरअसल, महिला जागृति समूह की संयोजिका डॉ. सुनीता अग्रवाल के नेतृत्व में बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंची और समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया. इस दौरान इनके साथ बड़ी संख्या में महिला अधिवक्ता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई. महिलाओं ने समलैंगिक विवाह को देश की संस्कृति और प्रकृति के खिलाफ बताया. साथ ही मौके पर महिलाओं ने देश भक्ति के नारे भी लगाए.

Jaipur Women protest against same sex marriage
जयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर समलैंगिक विवाह के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन

इसे भी पढ़ें - Same Sex Marriage: महिलाएं बोलीं, समलैंगिक विवाह को वैधानिक मान्यता मिली तो नष्ट हो जाएगी हमारी संस्कृति

पारिवारिक व्यवस्था के लिए खतरा - डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का मामला चल रहा है. ऐसे में हम सभी लोग उसके खिलाफ एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल सभी महिलाएं किसी संगठन से जुड़ी नहीं है, बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों से ताल्लुक रखती हैं. वहीं, यह कानून हमारी संस्कृति के खिलाफ है और हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है. इतना ही नहीं इससे हमारी पारिवारिक व्यवस्था भी खराब होगी, साथ ही समलैंगिक विवाह प्रकृति के विपरीत भी है.

Jaipur Women protest against same sex marriage
जयपुर में समलैंगिक विवाह के विरोध में सड़क पर उतरी महिलाएं

समलैंगिक विवाह के विरोध में सड़क पर उतरीं अन्य महिलाओं ने कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से सांस्कृतिक मूल्यों का हनन होगा. साथ ही कानून बनाने का अधिकार संसद को है. ऐसे में कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, संसद का काम संसद को करने दें. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भारत की सामाजिक परंपरा में विवाह पवित्र संस्कार है और इसका उद्देश्य मानव जाति का उत्थान करना है. इसमें एक जैविक पुरुष और जैविक महिलाओं के मध्य ही विवाह करने को मान्यता दी गई है. महिलाओं ने कहा कि न्यायपालिका को विधायिका के क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए. साथ ही समलैंगिक विवाह के विषय में न्यायालय को सुनवाई भी नहीं करनी चाहिए.

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुनीता अग्रवाल

जयपुर. एक ओर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो दूसरी ओर देश में इसके पक्ष-विपक्ष में लोग अपनी-अपनी दलील देकर इसका समर्थन और विरोध भी कर रहे हैं. वहीं, समलैंगिक विवाह को विधिक मान्यता देने के विरोध में बुधवार को राजधानी जयपुर में बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरी. जिन्होंने इसका पुरजोर तरीक से विरोध किया. इस संबंध में महिलाओं ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम दिनेश कुमार शर्मा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

संस्कृति व प्रकृति विरोधी है सेम सेक्स मैरिज - दरअसल, महिला जागृति समूह की संयोजिका डॉ. सुनीता अग्रवाल के नेतृत्व में बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंची और समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया. इस दौरान इनके साथ बड़ी संख्या में महिला अधिवक्ता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई. महिलाओं ने समलैंगिक विवाह को देश की संस्कृति और प्रकृति के खिलाफ बताया. साथ ही मौके पर महिलाओं ने देश भक्ति के नारे भी लगाए.

Jaipur Women protest against same sex marriage
जयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर समलैंगिक विवाह के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन

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पारिवारिक व्यवस्था के लिए खतरा - डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का मामला चल रहा है. ऐसे में हम सभी लोग उसके खिलाफ एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल सभी महिलाएं किसी संगठन से जुड़ी नहीं है, बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों से ताल्लुक रखती हैं. वहीं, यह कानून हमारी संस्कृति के खिलाफ है और हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है. इतना ही नहीं इससे हमारी पारिवारिक व्यवस्था भी खराब होगी, साथ ही समलैंगिक विवाह प्रकृति के विपरीत भी है.

Jaipur Women protest against same sex marriage
जयपुर में समलैंगिक विवाह के विरोध में सड़क पर उतरी महिलाएं

समलैंगिक विवाह के विरोध में सड़क पर उतरीं अन्य महिलाओं ने कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से सांस्कृतिक मूल्यों का हनन होगा. साथ ही कानून बनाने का अधिकार संसद को है. ऐसे में कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, संसद का काम संसद को करने दें. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भारत की सामाजिक परंपरा में विवाह पवित्र संस्कार है और इसका उद्देश्य मानव जाति का उत्थान करना है. इसमें एक जैविक पुरुष और जैविक महिलाओं के मध्य ही विवाह करने को मान्यता दी गई है. महिलाओं ने कहा कि न्यायपालिका को विधायिका के क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए. साथ ही समलैंगिक विवाह के विषय में न्यायालय को सुनवाई भी नहीं करनी चाहिए.

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