जयपुर. राजस्थान के तीनों सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमरता धवन राजस्थान के दौरे पर हैं. तीनों नेता अब प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे. राजस्थान का अभी सबसे बड़ा सवाल यही है कि सचिन पायलट के आंदोलन के बाद कांग्रेस पार्टी की रणनीति क्या होगी?
ये भी पढ़ेंः मंत्री महेश जोशी और रामलाल जाट ने भी खोला पायलट के खिलाफ मोर्चा, ट्वीट कर दिया जवाब
इस बार अलग हैं परिस्थितियांः पिछले विधानसभा चुनाव में भी राजस्थान के सह प्रभारी के तौर पर काम संभाल चुके काजी निजामुद्दीन ने यह स्वीकार किया कि पिछले विधानसभा चुनाव से इन विधानसभा चुनाव की परिस्थितियां अलग हैं. काजी ने कहा कि हर बार चुनावों में हर प्रदेश की स्थिति अलग होती है. यकीनन पिछली बार और इस बार में यहां फर्क है. पायलट के मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का ऑफिस पैनी निगाह रखे है. वह खुद ही इसे ऑब्जर्व कर रहे हैं. उनके ऑब्जरवेशन में सारी चीजें हैं. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आज या कल डिसीजन हो जाएगा. उसके बाद राजस्थान पर निर्णय होगा.
पार्टी अध्यक्ष देख रहे हैं पूरे मामले कोः इस पर निर्णय मल्लिकार्जुन खड़गे ही लेंगे, क्योंकि हम लोग हमारा काम कर रहे हैं. कांग्रेस प्रेसीडेंट अपना काम करेंगे. जिस चीज पर माननीय अध्यक्ष की निगाह है उसमें मेरा या मेरे सहयोगी का टिप्पणी करना उचित नहीं है. काजी निजामुद्दीन ने कहा कि सचिन पायलट पार्टी के मजबूत स्तंभ हैं और अगर उनकी कोई भ्रष्टाचार को लेकर पिनप्वाइंट शिकायत है तो उसे दिखवाया जा सकता है. इस मामले को पूरी तरीके से मल्लिकार्जुन खड़गे ही देख रहे हैं. कर्नाटक में सरकार बनने के बाद वही इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. वहीं दूसरे सह प्रभारी वीरेंद्र राठौर ने कहा कि परिवार का मामला है उसे सुलझा लिया जाएगा.
अशोक गहलोत सबसे काबिल मुख्यमंत्री-अधीर रंजनः दूसरी ओर दिल्ली में लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन ने भी सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान दिया है. रंजन चौधरी ने पायलट के आंदोलन को लेकर कहा कि जिसकी जो मर्जी करने दिया जाए. पिछले दिनों भी उन्होंने बहुत कुछ किया है. इसके आगे अधीर रंजन ने कहा कि एक बात हम दावे के साथ कह सकते हैं कि हिंदुस्तान में अगर सबसे काबिल मुख्यमंत्रियों की सूची बनाई जाए तो पहली पंक्ति में हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसी को अच्छा लगे या बुरा लगे या अलग बात है. काबिलियत के तौर पर हमारे चीफ मिनिस्टर अशोक गहलोत का कोई जवाब नहीं. जिसकी जो मर्जी वह कर सकते हैं. कांग्रेस पार्टी ऐसी चीजों से निपटना जानती है.