जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने युवती का अपहरण कर उसके साथ जबरन विवाह करने और कई दिनों तक दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त मनरूप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने आदेश की कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का भेजते हुए कहा है कि पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत पीड़िता को दो लाख रुपए बतौर प्रतिकर दिया जाए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यदि पीड़िता अपनी मर्जी से भी अभियुक्त के साथ गई और शादी की तो भी उसकी मर्जी का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. इसके अलावा वह पहले से ही विवाहित थी और अभियुक्त ने उसे धमकाकर विवाह किया था.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के भाई ने 10 अक्टूबर 2016 को गोविंदगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि 4 अक्टूबर को उसकी बहन को कोई बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसका विवाह वर्ष 2011 में ही हो गया था.
शादी के बाद वह एक बार ससुराल गई थी. घटना के दिन 4 अक्टूबर को अभियुक्त ने उसे फोन कर बाजार बुलाया और वहां से वह उसे जीप में बैठाकर झुंझुनू ले गया. यहां उसने शादी के कागजात बनाए और अपने गांव ले गया. इसके बाद 6 अक्टूबर को अभियुक्त उसे दिल्ली ले गया. अभियुक्त ने उसे धमकी दी कि वह उससे शादी नहीं करेगी तो वह उसके भाई को मार देगा. इसके बाद अभियुक्त ने उसके साथ आर्य समाज में शादी कर ली. वहीं करीब एक महीने तक अभियुक्त ने रोजाना उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. एक दिन उसने अभियुक्त से छिपकर अपने भाई को फोन कर दिया. इसके बाद भाई आकर उसे अपने साथ ले गया.