जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सत्यनारायण उर्फ सत्या को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने बीस वर्षीय इस अभियुक्त पर एक लाख अस्सी हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा की पीड़िता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने 5 जून 2022 को तुंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी 2 जून की रात को घर से गायब हो गई. उसे शक है कि कोई व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है. काफी तलाश करने के बाद भी पीड़िता की जानकारी नहीं मिल रही है.
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रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जांच शुरू की. वहीं अभियुक्त को मामला दर्ज होने की जानकारी मिलने पर वह पीड़िता को 16 जून को घर के पास छोडकर भाग गया. पुलिस ने इसी दिन अभियुक्त को कानोता से गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि अभियुक्त ने पीड़िता को कानोता में किराए के कमरे में रखा था और मकान मालिक को पीड़िता को अपनी पत्नी बताया था. कोर्ट ने अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.