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Pocso Court Order : पीड़िता का दुष्कर्म से इनकार, कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सुनाई आरोपी को सजा - Rajasthan Hindi news

पॉक्सो कोर्ट ने पीड़ित पक्ष के पक्षद्रोही होने के बाद भी डीएनए रिपोर्ट के आधार (Accused of Raping Minor Sentenced 20 years Jail) पर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है.

Jaipur Pocso Court Order
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Published : Jan 10, 2023, 9:17 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त राजेश कुमार को 20 साल की सजा (Accused of Raping Minor Sentenced 20 years Jail) सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने कहा कि भले की पीड़िता और उसकी मां ने दुष्कर्म से इनकार किया हो, लेकिन डीएनए रिपोर्ट से साबित है कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. इसके अलावा नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अदालत ने कहा कि पीड़ित पक्ष के पक्षद्रोही होने मात्र से यह नहीं माना जा सकता कि अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया हो.

पढ़ें. पीड़िता और परिजनों का दुष्कर्म से इनकार, कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सुनाई सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 3 दिसंबर 2020 को पीड़िता की मां ने शाहपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया था कि उसकी 15 साल की बेटी दसवीं कक्षा का फार्म भरने के लिए स्कूल गई थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने पक्षद्रोही होते हुए कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ दिल्ली घूमने गई थी और वह आरोपी को नहीं जानती और न ही उसने कोई गलत काम किया है. हालांकि सुनवाई के दौरान सामने आया कि पीड़िता ने 164 में दिए बयान में दिल्ली की होटल में चार दिन रूकने के दौरान दो बार संबंध बनाने की बात कही थी. वहीं डीएनए जांच में भी पीड़िता के कपडों पर अभियुक्त का डीएनए पाया गया. इस पर अदालत ने मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त राजेश कुमार को 20 साल की सजा (Accused of Raping Minor Sentenced 20 years Jail) सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने कहा कि भले की पीड़िता और उसकी मां ने दुष्कर्म से इनकार किया हो, लेकिन डीएनए रिपोर्ट से साबित है कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. इसके अलावा नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अदालत ने कहा कि पीड़ित पक्ष के पक्षद्रोही होने मात्र से यह नहीं माना जा सकता कि अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया हो.

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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 3 दिसंबर 2020 को पीड़िता की मां ने शाहपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया था कि उसकी 15 साल की बेटी दसवीं कक्षा का फार्म भरने के लिए स्कूल गई थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने पक्षद्रोही होते हुए कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ दिल्ली घूमने गई थी और वह आरोपी को नहीं जानती और न ही उसने कोई गलत काम किया है. हालांकि सुनवाई के दौरान सामने आया कि पीड़िता ने 164 में दिए बयान में दिल्ली की होटल में चार दिन रूकने के दौरान दो बार संबंध बनाने की बात कही थी. वहीं डीएनए जांच में भी पीड़िता के कपडों पर अभियुक्त का डीएनए पाया गया. इस पर अदालत ने मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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