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2 माह में अतिक्रमण हटाकर करें पुनर्वास वरना हाजिर हो अधिकारी : हाईकोर्ट - rajasthan

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि 2 माह में सेठी कॉलोनी स्थित मनोचिकित्सक केंद्र की जमीन पर बसी कॉलोनी को हटाकर उसका पुनर्वास किया जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने यूडीएच सचिव, स्वायत्त शासन सचिव, जेडीसी और नगर निगम आयुक्त को 23 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं.

2 माह में अतिक्रमण हटाकर करें पुनर्वास वरना हाजिर हो अधिकारी
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Published : Jul 15, 2019, 9:53 PM IST

जयपुर. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश द्वारकेश भारद्वाज की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिये. अदालत ने कहा है कि शुरू के 1 माह में उन अतिक्रमण को हटाकर पुनर्वास किया जाए, जिन्होंने मामले में अपनी सहमति दे दी हैं. इसके बाद आगामी एक माह में शेष अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाए.

2 माह में अतिक्रमण हटाकर करें पुनर्वास वरना हाजिर हो अधिकारी

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 नवंबर 2016 को यहां से कब्जा हटाने के आदेश दिए थे. वहीं खंडपीठ ने प्रभावितों की अपील खारिज कर 4 माह में उनका पुनर्वास करने को कहा था. इसके बावजूद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई. विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का हवाला देकर समय लिया जा रहा है. अब निगम के चुनाव के चलते फिर से आचार संहिता लग जाएगी. इसके अलावा पूर्व में 215 अतिक्रमण थे, जो की बढ़कर अब 372 बताए जा रहे हैं. ऐसे में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए.

जयपुर. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश द्वारकेश भारद्वाज की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिये. अदालत ने कहा है कि शुरू के 1 माह में उन अतिक्रमण को हटाकर पुनर्वास किया जाए, जिन्होंने मामले में अपनी सहमति दे दी हैं. इसके बाद आगामी एक माह में शेष अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाए.

2 माह में अतिक्रमण हटाकर करें पुनर्वास वरना हाजिर हो अधिकारी

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 नवंबर 2016 को यहां से कब्जा हटाने के आदेश दिए थे. वहीं खंडपीठ ने प्रभावितों की अपील खारिज कर 4 माह में उनका पुनर्वास करने को कहा था. इसके बावजूद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई. विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का हवाला देकर समय लिया जा रहा है. अब निगम के चुनाव के चलते फिर से आचार संहिता लग जाएगी. इसके अलावा पूर्व में 215 अतिक्रमण थे, जो की बढ़कर अब 372 बताए जा रहे हैं. ऐसे में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए.

Intro:याचिकाकर्ता के वकील विमल चौधरी की बाइट मेल से भेजी है

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि 2 माह में सेठी कॉलोनी स्थित मनोचिकित्सक केंद्र की जमीन पर बसी कॉलोनी को हटाकर उसका पुनर्वास किया जाए। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने यूडीएच सचिव, स्वायत्त शासन सचिव, जेडीसी और नगर निगम आयुक्त को 23 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश द्वारकेश भारद्वाज की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।



Body:अदालत ने कहा है कि शुरू के 1 माह में उन अतिक्रमण को हटाकर पुनर्वास किया जाए, जिन्होंने मामले में अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद आगामी एक माह में शेष अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 नवंबर 2016 को यहां से कब्जा हटाने के आदेश दिए थे। वही खंडपीठ ने प्रभावितों की अपील खारिज कर 4 माह में उनका पुनर्वास करने को कहा था। इसके बावजूद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई। विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का हवाला देकर समय लिया जा रहा है। अब निगम के चुनाव के चलते फिर से आचार संहिता लग जाएगी। इसके अलावा पूर्व में 215 अतिक्रमण थे, जो की बढ़कर अब 372 बताए जा रहे हैं। ऐसे में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए।


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