जयपुर. ज्यों-ज्यों विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. वैसे-वैसे सियासी बयानबाजी भी तेज हो रही है. एक तरफ जहां गहलोत सरकार महंगाई राहत कैंप के जरिए आम जनता को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने इन योजनाओं को लेकर सवाल खड़े किए है. चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना बताकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. यह सरकार झूठ की बुनियाद पर खड़ी है. जिसे आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता सबक सिखाएगी.
ये भी पढ़ेंः अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां, अशोक गहलोत सरकार पर साधा निशाना
केंद्र के बजट पर हो रहा खर्चः चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान में जितनी भी योजनाएं चल रहीं हैं. जिनको आधार बनाकर गहलोत सरकार वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है. उनमें केंद्र की मोदी सरकार का ही बजट खर्च हो रहा है. चिरंजीवी योजना योजना में 25 लाख के निशुल्क उपचार की बात की जा रही है, लेकिन वास्तविकता में उपचार 5 लाख तक का ही हो रहा है. यह 5 लाख रुपए भी केंद्रीय मद के है. आयुष्मान भारत योजना केंद्र की योजना है. इसी प्रकार जल जीवन मिशन योजना में केंद्र की ओर से राजस्थान को 28 हजार करोड़ का बजट दिया गया. राज्य की गहलोत सरकार इस बजट का उपयोग नहीं कर पाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर-घर पानी पहुंचाने के लिए यह राशि जारी की थी, लेकिन राज्य सरकार ने राशि का सदुपयोग न करके कमीशन खोरी का खेल शुरु कर दिया.
सत्ता संघर्ष में भुगत रही है जनताः डॉ. चतुर्वेदी ने कांग्रेस की राज्य सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि आज राज्य के सत्ता संघर्ष एवं निगम के सत्ता संघर्ष की सजा सिविल लाइंस की जनता भुगत रही है. खुद राज्य के नगर विकास मंत्री कह रहे है कि जयपुर के मंत्री के कारण ही जयपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है. चतुर्वेदी ने कहा कि सिविल लाइंस कि जनता केवल घोषणाओं को सुन-सुनकर तंग आ चुकी है और जो काम गत भाजपा सरकार के समय स्वीकृत हो चुके थे, उन तक को भी बड़ी-बड़ी बातें बोलने वाले मंत्री प्रारंभ तक नहीं कर सके.
पेयजल तक में हो रहा है भ्रष्टाचारः अब जनता ने ऐसी अंहकारी सरकार को चुनाव में हराने का निर्णय ले लिया है. डॉ.चतुर्वेदी ने कांग्रेस सरकार पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुऐ कहा कि टैंकरों के माध्यम से आम जन तक पेयजल उपलब्ध कराने में भ्रष्टाचार हो रहा है. वहीं मिशन अमृत योजना जो केंद्र सरकार के बजट से चल रहीं हैं, राज्य सरकार उसका भी सही क्रियान्वयन नहीं कर पा रही है.