जयपुर. महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश के लिए मंत्रियों के कार्यालयों और सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों तक के फोन आए थे. ये जानकारी विद्याधर नगर स्थिति महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्राचार्य ने सीएम से साझा की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को स्कूल के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे यहां उन्होंने कुछ छात्रों से भी संवाद किया और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली. वहीं 10वीं के टॉप स्कोरर को मोमेंटो देकर हौसला भी बढ़ाया.
प्राइवेट स्कूल में लगती है 50 हजार फीसः राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को विद्याधर नगर स्थित स्कूल जा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का जो प्रयोग किया है, उसका फायदा प्रदेश के छात्रों को मिला है. एक छात्र ने उन्हें बताया कि वो 3 साल पहले प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था. वहां 50,000 रुपए फीस लगती थी.
यहां हैं स्मार्ट क्लासरूमः यहां फ्री में अच्छी पढ़ाई हो रही है, यहां स्मार्ट क्लासरूम तक है. ये एक मॉडल स्कूल है. वहीं प्रदेश में करीब 2000 इंग्लिश मीडियम स्कूल चल रहे हैं. जिसमें करीब 3 लाख छात्र पढ़ रहे हैं, जो इंग्लिश में बात कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि वो खुद बचपन में हिंदी मीडियम में पढ़े हुए हैं. इंग्लिश के खिलाफ थे, लेकिन आज माहौल बदल गया है. आज इंटरनेट, मोबाइल फोन सब कुछ आ गए हैं. बच्चे इंग्लिश पढ़ेंगे तो आईटी और दूसरे क्षेत्रों में वो अपना नाम रोशन करेंगे.
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व्यापार मंडल कार्यालयों के लिए निशुल्क जमीनः इससे पहले सीएम कृषि उत्पाद व्यापार भवन का शिलान्यास करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने राज्य की सभी मंडियों के व्यापार मंडल कार्यालयों के लिए निशुल्क जमीन आवंटित करने की घोषणा की. साथ ही बताया कि किसानों ने 90 लाख टन पाम ऑयल इंपोर्ट करने की शिकायत की है. उसकी वजह से यहां सरसों का जो स्कोप है, वो बर्बाद हो रहा है. सरसों के तेल की फैक्ट्रियां बंद होती जा रही हैं. जो पाम ऑयल इंपोर्ट किया गया है. उससे देश का किसान बर्बाद हो रहा है. पूरे देश में सरसों सबसे ज्यादा राजस्थान में बोई जाती है, तो राजस्थान का किसान बुरी तरह बर्बाद हो रहा है. ये चिंता का विषय है. भारत सरकार को इसके लिए हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि पाम ऑयल को इंपोर्ट किया गया.
क्या गजेंद्र शेखावत को किसी पद पर रहना चाहिएः दूसरी ओर दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सीएम के खिलाफ दायर मानहानि मामले में आदेश सुरक्षित रखा है. जिस पर अशोक गहलोत ने कहा कि पब्लिक इंटरेस्ट में जो उन्होंने बात कही उस पर आज भी कायम है. संजीवनी में ढाई लाख लोगों के पैसे डूबे हुए हैं. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्या मंत्री पद पर रहने का अधिकार है. उनका सीधा नाम अभियुक्त के रूप में आ रहा है. वो हाईकोर्ट जाकर जमानत लेकर आ गए हैं, तो कहते हैं वो बेकसूर है, तो फिर हाई कोर्ट में जमानत लेने क्यों गए थे.
संजीवनी मामले में शेखावत को स्पष्टीकरण देना चाहिएः जहां तक मानहानि केस की बात है तो उन्होंने इसका स्वागत किया था. अगर उनके ऊपर किए गए केस से माहौल बनता है और ढाई लाख लोगों को पैसा मिलता है, तो उन्हें कोई तकलीफ नहीं. सीएम गहलोत ने कहा कि शेखावत को इस पर बोलना चाहिए कि आखिर क्या हुआ, वो इस पर बोलते क्यों नहीं. स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रहे हैं. जहां तक आदर्श घोटाले की बात है, तो वो घोटाला भी कम नहीं, उससे बड़ा घोटाला है. उसके लिए भी वही मांग कर रहे हैं जो संजीवनी के लिए कर रहे हैं. चूंकि केंद्र सरकार आदर्श घोटाले पर पहले ही काम कर चुकी है, वो लोग जेल में बैठे हुए हैं. इसलिए टारगेट संजीवनी रहता है.
गजेंद्र सिंह के मामले में क्यों नहीं घुस रही ईडीः भगवान सिंह रोल साहब सर मामले में पत्र को लेकर गहलोत ने कहा कि वो उनका सम्मान करते हैं. उसी के नाते उनका नाम लिया था. रोल साहब सर गरीबों के लिए काम करते हैं, इसलिए उन्होंने सोचा था कि उनके कहने से ही संजीवनी में फंसे गरीबों का भी हित हो जाएगा. सीएम ने सवाल उठाया कि यहां हर काम के लिए ईडी घुस जाती है. इस मामले में ईडी क्यों नहीं घुस रही है. ईडी गजेंद्र सिंह शेखावत से पूछताछ क्यों नहीं करती. ऑस्ट्रेलिया और इथोपिया में उनके फार्म हाउस है, पैसे के लेनदेन हुए है, या नहीं. इसके बारे में ईडी वहां क्यों नहीं घुस रही है. संजीवनी मामले में SOG काम कर रही है, उन्हें मालूम पड़ा कि ये भी बराबरी के मुलजिम है, तो वही बात मीडिया से शेयर कर ली. यहां पुलिस इंडिपेंडेंट काम करती है, सरकार इंटरफेयर नहीं करती.