जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट 2008 केस से जुड़ी राजस्थान राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग अपील व एसएलपी में पैरवी के लिए राज्यपाल ने राज्य सरकार की अनुशंसा पर सीनियर एडवोकेट शिवमंगल शर्मा को विशेष अभियोजक नियुक्त किया है. उन्हें प्रति दिन अपीरियंस के अनुसार शुल्क दिया जाएगा, जो राजस्थान हाईकोर्ट के एएजी को दिए जाने वाले मानदेय के अनुसार होगा.
शिवमंगल शर्मा इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में पांच साल तक एएजी रह चुके हैं. वे गुर्जर आरक्षण व खनन सहित अन्य महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी कर चुके हैं. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जयपुर बम ब्लास्ट केस में राजस्थान हाईकोर्ट के एसएलपी के जरिए उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें सभी चारों आरोपियों सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी,मोहम्मद सैफ उर्फ करीऑन व मोहम्मद सलमान की फांसी की सजा रद्द कर दी थी. वहीं, अन्य आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करने के विशेष कोर्ट के फैसले को भी बरकरार रखा था.
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यह है पूरा मामलाः 13 मई 2008 को जयपुर शहर में 8 जगह पर सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे. इसमें 72 लोगों की मौत हुई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे. घटना के बाद जयपुर बम ब्लास्ट की विशेष न्यायालय ने 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. इस आदेश के खिलाफ आरोपियों की ओर से हाईकोर्ट में अपील पेश की गई थी. वहीं, राज्य सरकार की ओर से फांसी की सजा कंफर्म करने के लिए हाईकोर्ट में डेथ रेफरेंस पेश किया गया था. हाईकोर्ट ने डेथ रेफरेंस को खारिज करते हुए चारों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और घटना के पीड़ित लोगों की ओर से शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका पेश की गई थी.