जयपुर. 13 मई को जयपुर बम ब्लास्ट को 15 साल हो जाएंगे. आतंकियों के दिये जख्म अभी तक पूरी तरह से भरे भी नहीं कि सरकार की कमजोर पैरवी के बीच आरोपियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई. चुनावी साल में कोर्ट के इस फैसले ने सियासी पारा भी गरमा दिया. बीजेपी जयपुर ब्लास्ट के मुद्दे को लेकर पूरी तरीके से हमलावर है. पहले जयपुर में धरना दिया गया मशाल जुलूस निकाला गया और अब जयपुर ब्लास्ट की बरसी पर सभी 250 वार्डों में धरना देने जा रही है. इतना ही नहीं, इसी दिन शाम को मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ भी होगा और केंद्रीय नेतृत्व से अनुमति मिली तो पुलिस हेड क्वार्टर का घेराव भी होगा.
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जयपुर के 250 वार्डों में होगा धरनाः अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर में जो सीरियल ब्लास्ट हुए उनको 13 मई को 15 साल पूरे होंगे. सब जानते हैं कि 13 मई 2008 को जयपुर आतंकियों के नापाक इरादों की चलते छलनी हुआ था. जिसमें 71 बेगुनाह लोग मारे गए थे और 185 लोग घायल हुए थे. इनमें से कुछ जिंदगी भर के लिए अपाहिज भी हो गए. इस मामले में निचली अदालत ने 5 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. सरकार की लचर पैरवी के चलते इन सभी आरोपियों को हाईकर्ट से राहत मिल गई. भारतीय जनता पार्टी 13 मई को मृतकों को श्रद्धांजलि देगी. इसके साथ ही राजधानी जयपुर के सभी 250 वार्डों में सरकार को जागृत करने और सरकार के धीक्कारने के लिए धरने का आयोजन किया जाएगा. सुबह 11:00 से 12:00 तक यह धरना होगा, ताकि सरकार को सद्बुद्धि मिले और सरकार तुष्टिकरण की नीति से राजस्थान का पीछा छूटे.
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एक महीने में नहीं हुई अपीलः अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट के फैसले को आये हुए 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया. सरकार के पास तमाम संसाधन और एक्सपर्ट की टीम होने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं की है. जबकि पीड़ित परिवारों ने अपनी ओर से सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दे दी है. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि यह कोई राजनीति का विषय नहीं है , लेकिन जब सरकार तुष्टिकरण पर उतारू हो जाए और आतंकवादियों को भी राहत देने लग जाए तो फिर विपक्ष के नाते भारतीय जनता पार्टी को सरकार का आईना जनता को दिखाने के लिए सामने आना ही पड़ता है.
बीजेपी एक एसएलपी करेगी दायरः बीजेपी शहर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण 29 मार्च को 48 पेशियों के बाद भी जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों को राहत मिल जाती है. जबकि सेशन कोर्ट ने तमाम सुबूतों और गवाहों के आधार पर फांसी की सजा सुनाई थी. ऐसे लोगों को सरकार की लचर पैरवी के कारण दोषमुक्त कर दिया गया. इस निर्णय से न केवल सरकार के लिए बल्कि राष्ट्र के लिए शर्मनाक बात है. सरकार की ओर से बरती गई लापरवाही के विरोध में बीजेपी ने छोटी चौपड़ पर धरना दिया. उसके बाद रामलीला मैदान में मशाल जुलूस निकाला, लेकिन बावजूद इसके सरकार को शर्म नहीं आई और अभी तक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती नही दी गई . जबकि बीजेपी ने अपने संगठन के जरिए दो पीड़ित परिवारों को साथ लेकर एसएलपी दायर कर दी है, दो और परिवारों के साथ एक ओर एसएलपी दायर होगी .
PHQ का घेरावः राघव शर्मा ने कहा कि सरकार 13 मई तक होश में नहीं आती है तो सरकार की तुष्टिकरण की नीति को सोशल मीडिया सहित कई चरणों के जरिए आम जनता तक सरकार की नीयत को बताएंगे. इसके साथ राघव शर्मा ने कहा कि सरकार की नीति के खिलाफ जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इसी आक्रोश के बीच प्रदेश नेतृत्व से अनुमति मिलने पर 13 मई को ही पुलिस हेड क्वार्टर का घेराव भी किया जाएगा . राघव शर्मा ने कहा कि गहलोत सरकार इन साडे 4 साल में तुष्टीकरण की सारी सीमाएं लांग चुकी है.