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जयपुर की यह भाजपा नेता मिली कांग्रेस प्रभारी से, जानिए क्या है मामला

कांग्रेस नेताओं के बीच भाजपा की ओर से महापौर की उम्मीदवारी जता चुकीं नेता सुखप्रीत बंसल गुरुवार को राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने पहुंचीं थीं. उन्होंने सिख समाज की मांगें रंधावा के सम्मुख रखीं.

jaipur BJP leader sukhpreet bansal
सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने पहुंचीं भाजपा नेता सुखप्रीत बंसल
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Published : May 25, 2023, 4:24 PM IST

Updated : May 25, 2023, 6:33 PM IST

सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने पहुंचीं भाजपा नेता सुखप्रीत बंसल

जयपुर. राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा राजस्थान में है और उनसे मुलाकात करने कांग्रेस के नेता पहुंच रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के बीच ही गुरुवार को भाजपा की महापौर की उम्मीदवारी जता चुकी जयपुर नगर निगम ग्रेटर में विद्युत समिति की चेयरमैन सुखप्रीत बंसल भी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने सर्किट हाउस पहुंच गईं. यह देखकर हर किसी को आश्चर्य हुआ कि कांग्रेस के प्रभारी के पास भाजपा की नेता का क्या काम?

ये भी पढ़ेंः रंधावा बोले-साउथ भाजपा मुक्त हुआ, अब नार्थ की बारी, 2000 का नोट नहीं चला सके, देश क्या चलायेंगे?

सिख समाज की मांगें लेकर पहुंचीं सुखप्रीत बंसलः दरअसल सुखप्रीत बंसल, सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने सिख समाज की मांगे लेकर पहुंचीं थीं. उन्होंने रंधावा से मुलाकात कर यह मांग रखी कि राजस्थान में सिख समाज के जो गुरुद्वारे देवस्थान विभाग के अंतर्गत आते हैं उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अंतर्गत लिया जाए. रंधावा से मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान में सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते है. जिनकी काफी मांगे सरकार के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि जब रंधावा राजस्थान आए तो हमें लगा कि सिख समाज के लिए अब कुछ बेहतर हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिख बोर्ड बनाने घोषणा की लेकिन अब तक यह घोषणा कोरी घोषणा रह गई. हमारा उनसे अनुरोध है कि घोषणाओं को कागजों से निकालकर धरातल पर उतारा जाए.

jaipur BJP leader sukhpreet bansal
सिख समाज की मांगें लेकर पहुंचीं सुखप्रीत बंसल

गहलोत सरकार पर लगाए आरोपः वह बोलीं भाजपा की सरकार के समय पंजाबी अकेडमी बनाई गई लेकिन दुर्भाग्य से सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार ने साढे़ 4 साल तक उस अकेडमी में कोई चेयरमैन नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यह दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है. जहां एक तरफ आप बोर्ड बनाने की बात कर रहें वहीं दूसरी ओर पंजाबी एकेडमी का चेयरमैन नहीं बनाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि राजस्थान में जो गुरुद्वारे सिख समाज के हैं. वह आज भी देवस्थान विभाग के अंडर आते हैं. हमारा अनुरोध है कि उनको देवस्थान विभाग से निकाले और गुरुद्वारों को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अंडर रखा जाए ताकि हम हमारे इतिहास और भविष्य को सुरक्षित रख सकें.

सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने पहुंचीं भाजपा नेता सुखप्रीत बंसल

जयपुर. राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा राजस्थान में है और उनसे मुलाकात करने कांग्रेस के नेता पहुंच रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के बीच ही गुरुवार को भाजपा की महापौर की उम्मीदवारी जता चुकी जयपुर नगर निगम ग्रेटर में विद्युत समिति की चेयरमैन सुखप्रीत बंसल भी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने सर्किट हाउस पहुंच गईं. यह देखकर हर किसी को आश्चर्य हुआ कि कांग्रेस के प्रभारी के पास भाजपा की नेता का क्या काम?

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सिख समाज की मांगें लेकर पहुंचीं सुखप्रीत बंसलः दरअसल सुखप्रीत बंसल, सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने सिख समाज की मांगे लेकर पहुंचीं थीं. उन्होंने रंधावा से मुलाकात कर यह मांग रखी कि राजस्थान में सिख समाज के जो गुरुद्वारे देवस्थान विभाग के अंतर्गत आते हैं उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अंतर्गत लिया जाए. रंधावा से मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान में सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते है. जिनकी काफी मांगे सरकार के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि जब रंधावा राजस्थान आए तो हमें लगा कि सिख समाज के लिए अब कुछ बेहतर हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिख बोर्ड बनाने घोषणा की लेकिन अब तक यह घोषणा कोरी घोषणा रह गई. हमारा उनसे अनुरोध है कि घोषणाओं को कागजों से निकालकर धरातल पर उतारा जाए.

jaipur BJP leader sukhpreet bansal
सिख समाज की मांगें लेकर पहुंचीं सुखप्रीत बंसल

गहलोत सरकार पर लगाए आरोपः वह बोलीं भाजपा की सरकार के समय पंजाबी अकेडमी बनाई गई लेकिन दुर्भाग्य से सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार ने साढे़ 4 साल तक उस अकेडमी में कोई चेयरमैन नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यह दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है. जहां एक तरफ आप बोर्ड बनाने की बात कर रहें वहीं दूसरी ओर पंजाबी एकेडमी का चेयरमैन नहीं बनाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि राजस्थान में जो गुरुद्वारे सिख समाज के हैं. वह आज भी देवस्थान विभाग के अंडर आते हैं. हमारा अनुरोध है कि उनको देवस्थान विभाग से निकाले और गुरुद्वारों को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अंडर रखा जाए ताकि हम हमारे इतिहास और भविष्य को सुरक्षित रख सकें.

Last Updated : May 25, 2023, 6:33 PM IST
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