जयपुर. पेपर लीक मामले में आरपीएससी के सदस्यों का नाम सामने के बाद से गहलोत सरकार घिरती जा रही है. एक तरफ उन्हीं के पार्टी ने नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आंदोलन की चेतावनी दे रखी है. वहीं दूसरी और अब बीजेपी ने भी पायलट की उस मांग के समर्थन में स्वर मिलाएं है. जिसमें उन्होंने RPSC को भंग करने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पायलट को भी चेताया है कि वह अपना प्लेन उड़ाने के लिए बीजेपी को रनवे न बनाएं.
राठौड़ ने पायलट को भी लिया निशाने परः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जिस मांग को सचिन पायलट आज उठा रहे है बीजेपी उसको लेकर पिछले कई महीनों से कह रही है. RPSC को भंग किया जाए और अब तक हुई भर्तियों की न्यायिक जांच हो. इसके साथ राठौड़ ने सचिन पायलट को भी निशाने पर लिया और कहा कि अब पायलट आंदोलन की चेतवानी दे रहे हैं. इसके अलावा पिछली सरकार के भ्रष्टाचार के जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन जब वो खुद डिप्टी सीएम बन बैठे थे तब ये सब मांगे कहां चली गई थीं. इसलिए सचिन पायलट बीजेपी नेताओं के बहाने अपने राजनीतिक स्वार्थ को न साधे. राठौड़ ने इसके साथ फ्यूल सरचार्ज के मुद्दे पर सरकार को निशाने पर लिया और आंदोलन की चेतावनी दी.
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फ्यूल सरचार्ज 60 पैसे प्रति यूनिटः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूर्ववती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था. वह कांग्रेस सरकार ने बढ़ाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया. 2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रुपए 55 पैसे हुआ करती थी. वह अब बढ़ाकर 11 रुपए 90 पैसे कर दी गई है. राजस्थान में विद्युत उत्पादन निगम के 10 थर्मल और हाइडल प्लांट और 3 अन्य पावर प्लांट हैं. जिनकी कैपेसिटी 8597.35 मेगावाट बिजली उत्पादन की है. सरकार की नीतियों के चलते कोयले की कमी, तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर यह उत्पादन घटकर महज 3500 से 4000 मेगावाट पर आ गया. वहीं प्रदेश सरकार के गलत प्रबंधन के चलते प्रदेश में प्रति माह 5 से 7 थर्मल पावर प्लांट बंद हो जाते हैं. कोयला खरीद में व्याप्त घोटाले का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हाल ही में कोयला कंटेनरों में 30 प्रतिशत कोयले की चोरी पकड़ी गई है. जिसमें औसतन एक कंटेनर में दस लाख का कोयला होता है. प्रतिदिन 500 से 600 ट्रकों से कोयला चोरी किया जाता है.
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RPSC भंग कर भर्तियों की न्यायिक जांच होः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के दौरान की गई आरपीएससी भंग करने और रीट परीक्षा से आहत छात्रा को मुआवजा देने की मांग को जायज बताया. राठौड़ कहा कि RPSC सदस्यों का नाम सामने आने से अब ये साफ हो गया कि बीजेपी जो आरोप लगा रही थी वो सही है. बीजेपी मांग करती है सरकार RPSC को भंग करके अब तक हुई भर्तियों की न्यायिक जांच कराये, ताकि युवाओं को न्याय मिल सके. राठौड़ ने इसके साथ IPS ट्रांसफर लिस्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों को फिर से उसी स्थान लगाने पर कहा कि सरकार भ्रष्टाचार में किस तरह से डूबी हुई है. इसकी बानगी इस तबादला सूची में साफ दिख रहा है. उन्होंने कहा कि श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया को दो साल पहले श्रम आयुक्त रहते हुए घूस लेते हुए पकड़े था. सरकार ने फिर से उन्हें उसी पद पर लगा दिया, ये है गहलोत सरकार की भ्रष्टाचार जीरो टॉलरेंस.
पायलट बीजेपी के कंधों पर राजनीति न करेंः राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार दो भागो में बंटी हुई है. कांग्रेस सरकार के मंत्री खुले मंच से अपनी सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बता रहे है. हालांकि राठौड़ ने सचिन पायलट को हिदायत दी कि वो पूर्ववर्ती सरकार पर झूंठे आरोप न लगाएं. अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए बीजेपी का नाम नहीं लें. सचिन पायलट जो आरोप बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार पर लगा रहे हैं उनमें कोई डीएम नहीं है. जिन खान घोटाले की बात पायलट कर रहे हैं उन्हें उसी वक्त निरस्त कर दिया था. सचिन पायलट अपने प्लेन को उड़ाने के लिए बीजेपी को रनवे बना रहे हैं.